सच के सिपाही

Kargil War 1999: पाकिस्तानी घुसपैठिए कारगिल के कुछ चरवाहों को अपनी गिरफ्त में लेने की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन उन्होंने किसी कारण ऐसा नहीं किया।

Kargil War 1999: गुपचुप तरीके से घुसपैठ को अंजाम देना का मकसद सियाचिन से भारत को अलग-थलग करना था। भारत ने 1984 में सियाचिन पर कब्जा कर लिया था।

Kargil War: मूलाराम बिडियासर समेत अन्य 4 जवानों के शरीर को दुश्मनों ने सिगरेटों से दागा था। उनके नाक, कान और होंठ काटे गऐ थे, उंगलियां काटी गईं थीं।

कुछ जवान ऐसे थे जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया और जंग के मैदान में ही शहादत दे दी। इस युद्ध में कई ऐसे जवान थे जिन्होंने शहादत दी।

Kargil War: बजरंग पोस्ट पर पेट्रोलिंग के दौरान जवानों का अपहरण कर लिया गया था। पहले से सुसज्जित बंकरों में घात लगाए बैठे पाकिस्तानी सेना के जवानों ने घात लगाकर हमला किया था।

युद्ध के दौरान कर्नल अपनी टीम के साथ आगे बढ़ रहे थे। तभी उनका पैर बारूदी सुरंग के नीचे आ गया था। जैसे ही विस्फोट हुआ उनके एक पैर के चिथड़े उड़ गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया गया था। यह युद्ध पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ा गया था।

पाकिस्तान को इस युद्ध में बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना (Indian Army) के शौर्य को यादकर पाकिस्तान आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

युद्ध ऊंची पहाड़ियों पर लड़ा गया था लिहाजा दुश्मन को हराने के लिए वायु सेना का बखूबी इस्तेमाल किया गया। मिग-27 से कब्जे वाले इलाकों पर बम गिराए गए थे।

कारगिल युद्ध को पाकिस्तान ने धोखे से अंजाम दिया था। पाकिस्तान की इस हरकत का भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया था। भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को फेल किया था।

'परमवीर चक्र' विजेता मनोज कुमार पांडेय (Captain Manoj Kumar Pandey) ने शहादत से पहले अपने दोस्त को एक खत लिखा था। उन्होंने युद्ध के दौरान अपने अनुभवों को दोस्त के साथ साझा किया था।

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने हमें हरा दिया था लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) शानदार प्रदर्शन किया था।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले के बाद नक्सलियों के चंगुल से रिहा हुए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास ने अपने अनुभव के बारे में बताया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान ने भारत को धोखा दिया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने बखूबी प्रदर्शन कर जीत हासिल की थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारतीय सेना का शौर्य बेहद ही शानदार था। भारतीय वीर सपूतों ने दुश्मनों को बुरी तरह से नेस्तनाबुद कर दिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया (Aditya Vikram Pethia) ने भी हिस्सा लिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (War of 1971) के दौरान पाकिस्तान ने हमारे 54 सैनिकों को युद्ध बंदी बना लिया था। पाकिस्तान आज तक यह बात स्वीकार नहीं करता, लेकिन हमारे पास इसके पर्याप्त सबूत हैं।

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