…जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी पायलट परवेज कुरैशी को पकड़ा

Indian Army: भारतीय सैनिकों ने बड़े दिल का परिचय दिया था और घायल पायलट के इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर को बुलाया था। दरअसल यह घटना 22 नवंबर, 1971 की थी।

Indian Army

War of 1971

Indian Army: भारतयी सैनिकों ने बड़े दिल का परिचय दिया था और घायल पायलट के इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर को बुलाया था। यह घटना 22 नवंबर, 1971 की थी। भारतीय जवान पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) के चौगाचा इलाके में रुके हुए थे। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी पायलट को पकड़ाकर करीब डेढ़ सास तक युद्धबंदी बनाकर रखा था। इस पाकिस्तान सैनिका का नाम परवेज कुरैशी मेहदी था। रिहाई के बाद बाद में वह एयरचीफ मार्शल और पीएएफ का अध्यक्ष (1997-2000) भी बना रहा।

जब इस पाकिस्तानी पायलट को पकड़ा गया था तो भारतीय सैनिकों गुस्सा था। इंडियन आर्मी (Indian Army) के आक्रोशित जवानों ने पायलट को मारने की कोशिश भी की थी, पर तब लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग ने मौके पर पहुंच कर जवानों को शांत कराया था।

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लेकिन भारतीय सैनिकों ने बड़े दिल का परिचय दिया था और घायल पायलट के इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर को बुलाया था। दरअसल यह घटना 22 नवंबर, 1971 की थी। भारतीय जवान पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) के चौगाचा इलाके में रुके हुए थे। यह इलाका ईस्ट पाकिस्तान के 20 किलोमीटर अंदर था।

अचानक 21 नवंबर से पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारतीय सैनिकों पर हमले शुरू कर दिए थे। भारतीय एयरफोर्स पाकिस्तानी एयरफोर्स की तमाम हरकतों पर नजर रखे था।

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22 नवंबर को भारतीय जवानों पर एरियल अटैक करने के लिए पाकिस्तानी एयरफोर्स के जवान आसमान में मंडराने लगे थे। इस दौरान भारतीय जहाज भी मौके पर भिजवान दिए गए और भारतीय जहाजों ने पाकिस्तान के दो जहाजों को मौके पर ही मार गिराया। एक जहाज का पायलट यानी परवेज कुरैशी मेहदी भारत की गिरफ्त में आ गए।

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