डिसएंगेजमेंट क्या होता है? युद्ध से पहले और युद्ध के बाद इसकी है बेहद अहमियत

भारतीय वीर सपूत अपनी जान की बाजी लगाकर भी सीमा की रक्षा करते हैं। बीते 8 महीने से भारत और चीन के बीच लद्दाख (Ladakh) में सबसे विवादित इलाके में शुमार पैंगॉन्ग लेक पर चीनी सेना का डिसएंगेजमेंट (Disengagement) चल रहा है।

Disengagement

(फाइल फोटो)

India China Border Dispute: दो देश सीमा विवाद के चलते डिसएंगेजमेंट (Disengagement) को राजी होते हैं तो विवादित क्षेत्र से अपनी सेनाओं के साथ-साथ वहां मौजूद हथियारों को भी हटाते हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) सरहद की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजरने से पीछे नहीं हटती। भारतीय वीर सपूत अपनी जान की बाजी लगाकर भी सीमा की रक्षा करते हैं। बीते 8 महीने से भारत और चीन के बीच लद्दाख (Ladakh) में सबसे विवादित इलाके में शुमार पैंगॉन्ग लेक पर चीनी सेना का डिसएंगेजमेंट (Disengagement) चल रहा है।

ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिरकार यह डिसएंगेजमेंट होता क्या है? दरअसल, डिसएंगेजमेंट का सीधा मतलब है कब्जे वाले इलाकों को खाली करना। युद्ध से पहले और युद्ध के बाद डिसएंगेजमेंट की काफी अहमियत होती है।

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अगर दो देश सीमा विवाद के चलते डिसएंगेजमेंट (Disengagement) को राजी होते हैं तो विवादित क्षेत्र से अपनी सेनाओं के साथ-साथ वहां मौजूद हथियारों को भी हटाते हैं। इसके साथ ही बंकरों को भी धवस्त करते हैं। जो भी कंस्ट्रक्शन किए जाते हैं, उन्हें हटाया जाता है और पहले की स्थिति कायम की जाती है।

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ऐसा कई दौर की बातचीत के बाद के बात तय हो पाता है। डिसएंगेजमेंट के जरिए दोनों देश एक तरह से इस बात पर राजी हो जाते हैं कि वे किसी तरह का टकराव नहीं चाहते। हालांकि, इस दौरान देशों की सेनाएं सतर्क रहती हैं और डिसएंगेजमेंट के बाद भी सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रहती है ताकि मसले का हल निकाला जा सके।

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