War of 1971: …जब पाकिस्तानी पनडुब्बी ‘हंगोर’ भारतीय सीमा में आ घुसी, जानें फिर क्या हुआ

सेना हमेशा की तरह अलर्ट पर थी और इस पनडुब्बी के जरिए भारत को होने वाले नुकसान से पहले हमारे दो पोत आईएनएस खुखरी और कृपाण इसे नष्ट करने निकल पड़े थे।

PNS Hangor

PNS Hangor (File Photo)

War of 1971: करारा जवाब देने के इरादे से दोनों पोत जिग-जैग तरीके से पाकिस्तानी पनडुब्बी की खोज कर रहे थे। वहीं, हंगोर (PNS Hangor) ने उनके नजदीक आने का इंतजार किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान एक पाकिस्तानी पनडुब्बी ‘हंगोर’ (PNS Hangor) भारतीय सीमा में आ घुसी थी। सेना हमेशा की तरह अलर्ट पर थी और इस पनडुब्बी के जरिए भारत को होने वाले नुकसान से पहले हमारे दो पोत आईएनएस खुखरी और कृपाण इसे नष्ट करने निकल पड़े थे।

हमारी सीमा में कोई दखल दे तो हमारे जवानों को खून खौल उठता है। नौसेना मुख्यालय ने आदेश दिया कि भारतीय सीमा में घूम रही इस पनडुब्बी को तुरंत नष्ट किया जाए। करारा जवाब देने के इरादे से दोनों पोत जिग-जैग तरीके से पाकिस्तानी पनडुब्बी की खोज कर रहे थे।

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वहीं, हंगोर (PNS Hangor) ने उनके नजदीक आने का इंतजार किया था। पहला टॉरपीडो उसने कृपाण पर चलाया लेकिन वह चूक गया। दूसरा, चलाया तो वह पोत खूखरी से जा टकराया। धमाका होते ही पूरे पोत की बत्ती चली गई।

दो और तीन दिसंबर 1971 की मध्य रात्रि के दौरान यह हमला किया गया था। हमले के बाद पोत में तेजी से पानी भर रहा था और फनल से लपटें निकल रही थीं। इस दौरान पोत में मौजूद जवान नौकाओं समेत पानी में कूद गए और कुछ जवान ऐसा न कर पाने में विफल रहे।

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बताते हैं कि टोह लेने की क्षमता के कारण पाकिस्तानी पनडुब्बी हंगोर को खुखरी और कृपाण की गतिविधियों का पता चल गया था। देखते-देखते पोत डूब गया। 18 नौसेना अफसर और 174 नाविकों ने इस ऑपरेशन में जान गंवाई।

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