War of 1971: …जब भारत ने शुरू कर दिया बंगाली राष्ट्रवादी गुटों का समर्थन

War of 1971: युद्ध की बिसात तो पहले से ही बिछ गई थी। 1970 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद से चीजें और बिगड़ी जिसके बाद पाकिस्तान में युद्ध के हालात बनें।

Indian Army

फाइल फोटो।

War of 1971: युद्ध की बिसात तो पहले से ही बिछ गई थी। 1970 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद से चीजें और बिगड़ी जिसके बाद पाकिस्तान में युद्ध के हालात बनें।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने जो पराक्रम दिखाया था इसकी चर्चा आज भी की जाती है। इस युद्ध में भारतीय सेना की जीत को 50 साल से ज्यादा हो चुके हैं। हमारे वीर सपूतों ने दिखा दिया था कि वह कितने ताकतवर हैं।

इस युद्ध (War of 1971) की शुरुआत 3 दिसंबर को ही हो गई थी जब पाकिस्तानी सेना ने भारतीय वायुसेना  (India Air Force) के 11 स्टेशनों पर हमला कर दिया था। अचानक हुए इस हमले से भारतीय सेना अलर्ट हो गई और देखते ही पाकिस्तान के खिलाफ बाकी हमलों को नाकाम करने के लिए प्लानिंग शुरू हो गई थी।

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साथ ही कूटनीतिक स्तर पर दुश्मनों पर दबाव बनाया जाने लगा था। पाकिस्तान की तरफ से किए गए इस हमले के बाद भारत ने बंगाली राष्ट्रवादी गुटों का समर्थन शुरू कर दिया था। जैसे ही समर्थन किया गया पाकिस्तान और गुस्से में आ गया। पाकिस्तान में अत्याचार झेल रहे लोगों की भारत के मदद करने पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ था।

दरअसल, युद्ध की बिसात तो पहले से ही बिछ गई थी। साल 1970 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद से हालात और बिगड़े, जिसके बाद पाकिस्तान में युद्ध के हालात बनें।

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1971 आते-आते पाकिस्तान को भारत की दखलअंदाजी और बंगाली राष्ट्रवादी गुटों का समर्थन रास नहीं आ रहा था। हालात युद्ध में तब्दील हुए और भारतीय सेना ने इन्हें अपने मुताबिक ढाल लिया। पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया और जवाब में उसे बांग्लादेश के रूप में बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।

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