1962 का युद्ध: भारतीय सेना के 1696 सैनिक हुए थे लापता! चीन को हुआ था इतना नुकसान

War of 1962: जब दो देशों के सेनाएं एक दूसरे से भिड़ती हैं तो नुकसान दोनों तरफ होता है। किसी को कम नुकसान होता है तो किसी को ज्यादा।

Indian Army

War of 1962: जब दो देशों की सेनाएं एक दूसरे से भिड़ती हैं तो नुकसान दोनों तरफ होता है। किसी को कम नुकसान होता है तो किसी को ज्यादा।

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने भारतीय सेना को परास्त किया था। युद्ध में हार की वजह भारतीय सेना का आधी अधूरी तैयारी के साथ जंग के मैदान में उतरना बताया जाता है। यह भारत की आजादी के बाद हुआ पहला युद्ध था।

चीन हमेशा से भारत की जमीन पर अपना कब्जा जमाने की फिराक में रहता है। हिलालयी बॉर्डर पर चीन के साथ भारत का सीमा विवाद सालों से चला आ रहा है। इस युद्ध में रक्षा और सियासी बलों के कारण भारत को हार का सामना करना पड़ा था। इसमें भारत के कई सैनिक शहीद हुए थे।

जब दो देशों की सेनाएं एक दूसरे से भिड़ती हैं तो नुकसान दोनों तरफ होता है। किसी को कम नुकसान होता है तो किसी को ज्यादा। 4 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़े गए इस युद्ध में भारत की तरफ से महज बारह हजार सैनिक चीन के 80 हजार सैनिकों के सामने थे।

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करीब तीस दिनों तक दोनों देशों के सेनाएं जंग के मैदान में आमने-सामने थी। युद्ध में भारत के 1383 सैनिक मारे गए थे जबकि 1047 घायल हुए थे। 1696 सैनिक लापता हो गए थे और 3968 सैनिकों को चीन ने गिरफ्तार कर लिया था।

वहीं चीन के कुल 722 सैनिक मारे गए थे और 1697 घायल हुए थे। मालूम हो कि चीन कई बार ऐसे नक्शे जारी करता था जिसमें भारतीय क्षेत्रों को वह अपना बना लेता था। 1959 में भी भारत-चीन सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच झड़प की कई घटनाएं होती रही हैं।

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