भारतीय सैनिकों के बलिदान की शौर्य गाथा हैं युद्ध स्मारक, युवाओं के लिए हैं प्रेरणा

जवानों के बलिदान को याद रखने और युद्ध में उनकी शौर्य गाथा को बताने के लिए युद्ध स्मारक बनाए जाते हैं। देश में कई जगहों पर युद्ध स्मारक बनाए गए हैं।

Indian Army

देश की रक्षा करते हमारे जवान।

जवानों के बलिदान को याद रखने और युद्ध में उनकी शौर्य गाथा को बताने के लिए युद्ध स्मारक बनाए जाते हैं। देश में कई जगहों पर युद्ध स्मारक बनाए गए हैं।

भारतीय सेना के जवान देश की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। दुश्मनों को जंग के मैदान में हराने के लिए सेना के शौर्य और पराक्रम का परिचय देश कई बार देख चुका है। पाकिस्तान और चीन के साथ जंग में भारत ने हमेशा अपनी उम्मीद से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। देश की रक्षा करते हुए कई जवान शहीद हुए हैं।

जवानों के बलिदान को याद रखने और युद्ध में उनकी शौर्य गाथा को बताने के लिए युद्ध स्मारक बनाए जाते हैं। देश में कई जगहों पर युद्ध स्मारक बनाए गए हैं। युद्ध स्मारक एक इमारत, स्मारक, प्रतिमा या कोई अन्य भवन होता है जो किसी युद्ध या विजय का उत्सव मनाने अथवा युद्ध में शहीद या घायल हुए सैनिकों के स्मरण में निर्मित किया जाता है।

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एक युद्ध स्मारक,पर्यटकों को निर्मित स्थल के साथ सचेतन रूप से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है और फिर इसी के माध्यम से वे उस संस्था और व्यक्तियों से जुड़ जाते हैं जिनकी स्मृति में यह बनाया गया है। स्मारक गहन और भावप्रवण अनुभव प्रदान करता है और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन जाता है।

स्वतंत्रता के बाद से, भारतीय सशस्त्र सेनाओं के 25,000 से ज्यादा सैनिकों ने देश की प्रभुसत्ता और अखंडता की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया। अतः राष्ट्रीय समर स्मारक,सशस्त्र सेनाओं के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतिनिधित्व करता है। यह स्मारक हमारे नागरिकों में सेना के प्रति स्नेह, उच्च नैतिक मूल्यों, बलिदान और राष्ट्र गौरव की भावना को बढ़ाते हैं। ये स्मारक स्वतंत्रता के बाद विभिन्न संघर्षों, संयुक्त राष्ट्र ऑपरेशनों, मानवीय सहायता और आपदा राहत और बचाव ऑपरेशनों में हमारे सैनिकों के बलिदान के साक्षी हैं।

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