जवानों की कमर पर होती है गोलियों से भरी मैगजीन, दुश्मनों को खत्म करने के लिए इस तरह किया जाता है इस्तेमाल

जैसे ही दुश्मन हमला करता है तो बड़ा हथियार न होने की स्थिति में Indian Army द्वारा इसका बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है।

Indian Army

इंडियन आर्मी के जवान।

Indian Army: जैसे ही दुश्मन सामने से हमला करता है तो बड़ा हथियार न होने की स्थिति में इसका बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। तुरंत इस मैगजीन को निकालकर बंदूक में फिट किया जाता है।

भारतीय सेना के जवान भारत मां की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तत्पर रहते हैं। सेना के जवानों को विपरीत हालातों से निपटने के लिए कई तरह की चीजें दी जाती हैं। सरहद पर दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है ऐसे में जवानों को पहले से ही तैयार रहना होता है।

सरहद पर मोर्चा संभाले हमारे जवानों को जो साजो-सामान  दिया जाता है उसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है उन्हें दी गई गोलियों से भरी मैगजीन। इसका इस्तेमाल जवान विपरीत परिस्थितियों में करते हैं। इसे बेल्ट के साथ कमर पर लगाया जाता है।

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जैसे ही दुश्मन सामने से हमला करता है तो बड़ा हथियार न होने की स्थिति में इसका बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। तुरंत इस मैगजीन को निकालकर बंदूक में फिट किया जाता है और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दुश्मनों को ढेर कर दिया जाता है। चंद सेकेंड्स में इस मैगजीन को बंदूक में फिट किया जा सकता है। मैगजीन में कितनी गोलियां होंगी यह मैगजीन और बंदूक पर निर्भर करता है।

जवानों को ट्रेनिंग के दौरान ही बंदूक चलाने और किस तरह से इंस्टॉल किया जाता है इसकी जानकारी दी जाती है। जवान धीरे-धीरे इसे अपनी आदत में लाते हैं और विपरीत परिस्थिति में अपने अनुभव का इस्तेमाल कर दुश्मनों को नेस्तनाबूद करते हैं।

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