पैर लैंडमाइन पर पड़ा और तेज धमाका हुआ, युद्ध में ऑफिसर इयान कार्डोजो ने खुद को ऐसे संभाला

गोरखा रेजीमेंट के मेजर कार्डोजो के मुताबिक जंग के दौरान बारूदी सुरंग में ब्लास्ट हुआ था और एक पैर उड़ गया था। कुछ क्षण के लिए दिमाग सुन्न हो गया था।

War of 1971

मेजर जनरल इयान कार्डोजो।

India Pakistan War 1971: गोरखा रेजीमेंट के मेजर जनरल कार्डोजो (Major General Ian Cardozo) के मुताबिक, जंग के दौरान बारूदी सुरंग में ब्लास्ट हुआ था और एक पैर उड़ गया था। कुछ क्षण के लिए दिमाग सुन्न हो गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में मेजर जनरल इयान कार्डोजो (Major General Ian Cardozo) ने बहादुरी की ऐसी मिसाल पेश की थी, जिसे यादकर हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। पांचवीं गोरखा राइफल्स के मेजर जनरल रहे कार्डोजो ने युद्ध में जख्मी होने पर अपना पैर अपनी ही खूखरी से काट कर अलग कर दिया था।

सेना के इस जवान ने जंग के मैदान में देश सेवा के लिए हर वो हद पार कर दी थी, जिसकी हर जवान से उम्मीद की जाती है। गोरखा रेजीमेंट के मेजर जनरल कार्डोजो (Major General Ian Cardozo) के मुताबिक, जंग के दौरान बारूदी सुरंग में ब्लास्ट हुआ था और एक पैर उड़ गया था। कुछ क्षण के लिए दिमाग सुन्न हो गया था।

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वे बताते हैं, “एक स्थानीय निवासी ने मुझे देखा और मुझे उठा कर पाकिस्तानियों के बटालियन मुख्यालय में ले गया। वहां मैंने डॉक्टर से कहा कि मुझे मॉरफीन दे दीजिए, लेकिन उनके पास शायद मॉरफीन भी नहीं थी। मुझे मॉरफिन और कोई दर्द निवारक दवा नहीं मिली। दर्द सहन नहीं हो रहा था और पैर काट देने के अलावा मेरे मन में और कोई ख्याल नहीं आया। मैंने बिना संकोच के ही अपना पैर काट दिया था।”

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वे आगे बताते हैं, “मैं गोरखा राइफल का जवान था, तो लिहाजा मेरे पास खूखरी रहती थी। यह एक तेज कटार हथियार होता है, जो कि जंग के मैदान में गोरखा जवान की सबसे बड़ी पहचान होती है। मैंने अपने साथी जवान से कहा था कि वे मेरा पैर काट दे, लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया था। मैंने फिर खुद ही इस काम को पूरा किया था।”

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