भारतीय सेना के लिए बंकर की है बेहद अहम भूमिका, इस तरह बचाता है दुश्मन से जान

बंकरों के माध्यम से किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना अपना मोर्चा संभाल सकती है। दुश्मनों की संदिग्ध हरकतों पर इसके जरिए तीखी नजर रखी जाती है।

Indian Army

सांकेतिक तस्वीर

Indian Army: बंकरों के माध्यम से किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना अपना मोर्चा संभाल सकती है। दुश्मनों की संदिग्ध हरकतों पर इसके जरिए तीखी नजर रखी जाती है।

भारतीय सेना के जवान सीमा पर दिन रात मौत का डटकर सामना करते हैं। एलओसी या एलएसी पर कब दुश्मन की गोली आकर सीने या सिर को चीर जाए इसका कुछ पता नहीं होता। ऐसे में सुरक्षित स्थान के जरिए पहरा देना जरूरी होता है। सीमा पर कई ऐसे इलाके हैं जहां सेना के जवान बंकर बनाकर सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहते हैं।

सेना के जवानों के लिए बंकर की बेहद अहम भूमिका होती है क्योंकि इसमें लगी बोरियां दुश्मन की गोलियां ठंडी कर देती हैं। यानी की दुश्मन की बंदूक से निकली गोली को रेत की बोरियां ठंडा कर देती हैं।

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जब भी दुश्मन बंकर पर हमला करता है तो ये बोरियां ही सुरक्षा कवच का काम करती हैं। रेत की बोरी से टकराते ही गोलियों की स्पीड झटके के साथ कम हो जाती है और वह बोरी को कुछ इंच तक ही भेद पाती है।

इन बंकरों के माध्यम से किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना अपना मोर्चा संभाल सकती है। दुश्मनों की संदिग्ध हरकतों पर इसके जरिए तीखी नजर रखी जाती है।

इसके लिए बंकर में मौजूद जवानों को 20 किलोमीटर दूर दुश्मन को देखने और उस पर सटीक निशाना लगाने वाली स्नाइपर, रॉकेट लॉन्चर, मशीन गन और अन्य हथियारों एवं उपकरणों से लैस किया जाता है।

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