Kargil War: युद्ध का ऐसा था घटनाक्रम, 3 मई से 26 जुलाई तक ऐसा था सेना का पराक्रम

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तानी सेना के जवानों को हमारे सैनिकों ने हर मोर्चे पर विफल साबित किया था।

Kargil War: 5 मई को सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुंची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी। इसके बाद हर भारतवासी का खून खौल गया। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तानी सेना के जवानों को हमारे सैनिकों ने हर मोर्चे पर विफल साबित किया था। कई वजहें थीं जिसकी वजह से हमारे जवानों ने पाकिस्तान को हराया।

भारत को 3 मई, 1999 को कारगिल क्षेत्र में दुश्म के घुसपैठ की जानकारी मिली थी। एक चरवाहे ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचनी दी थी। इसके बाद भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट हो गई और तय प्लानिंग के तहत काम किया गया।

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5 मई को सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुंची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी। इसके बाद हर भारतवासी का खून खौल गया।

इसके बाद 9 मई को दुश्मनों की गोलाबारी से सेना का कारगिल में मौजूद गोला बारूद का स्टोर क्षतिग्रस्त हो गया था। 10 मई को पहली बार लद्दाख का प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया था।

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26 मई के दिन हमारी वायुसेना को कार्यवाही के लिए ऑर्डर मिला था और फिर क्या था पाकिस्तान पर हमारे लड़ाकू विमान मिग-27 और मिग-29 ने कहर बरपाना शुरू किया। अंत में 26 जुलाई के दिन कारगिल युद्ध (Kargil War) आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया।

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