छुट्टी के बीच बिन बुलाए ही दुश्मनों से लोहा लेने पहुंच गए थे सूबेदार सेवाराम, परिवार ने आज भी सहेज रखी हैं उनकी यादें

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने दुश्मनों को बुरी तरह से खदेड़ा था। हमारे वीर सपूतों ने सरहदों पर हमेशा अपने खून से जमीन को सींचा है। इस युद्ध में जीत के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक गुजर गए थे।

Subedar Sewa Ram

India Pakistan War 1971: 10 दिसंबर को पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र की नंगी टेकरी पोस्ट पर हमला किया था इसमें सूबेदार सेवाराम (Subedar Sewa Ram) सहित 23 जवान शहीद हो गए थे। पति की शहादत के बाद स्वर्णो देवी ने उनकी यादों को आज भी संजोए रखा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने दुश्मनों को बुरी तरह से खदेड़ा था। हमारे वीर सपूतों ने सरहदों पर हमेशा अपने खून से जमीन को सींचा है। इस युद्ध में जीत के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक गुजर गए थे। ऐसे ही एक सैनिक जम्मू के रानी बाग इलाके में रहने वाले सूबेदार सेवाराम (Subedar Sewa Ram) भी थे। जब दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया था तो वे घर पर छुट्टी में थे।

ऐसे में उनसे रहा नहीं गया और वे बिना बुलाए ही जंग के मैदान में जाने के लिए तैयार हो गए थे। उन्होंने अपना बैग पैक किया था और वे दुश्मनों से लोहा लेने पुंछ जिले की कृष्णा घाटी सेक्टर में तैनात अपनी 21 पंजाब रेजीमेंट में पहुंच गए थे।

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10 दिसंबर को पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र की नंगी टेकरी पोस्ट पर हमला किया था, इसमें सूबेदार सेवाराम (Subedar Sewa Ram) समेत 23 जवान शहीद हो गए थे। पति की शहादत के बाद स्वर्णो देवी ने उनकी यादों को आज भी संजोए रखा है।

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इस वीरनारी का कहना है कि पति की शहादत ने उन्हें परिवार के पालन पोषण की प्रेरणा दी। वे जब छुट्टी पर आए थे तो हमारा घर बनवा रहे थे। युद्ध का ऐलान होते ही वे छुट्टी रद्द होने की घोषणा से पहले ही अपनी यूनिट के पास पहुंच गए थे। मेरे पति ने अपने कर्तव्य का बखूबी पालन किया था। मुझे उनपर बहुत नाज है।

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