
शमशेर अली खान (फाइल फोटो)
शमशेर (Shamsher Ali Khan) के पिता इस बात से दुखी जरूर हैं कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। शमशेर के 2 बेटे और एक बेटी है। एक बेटे की उम्र 16 साल है और दूसरे बेटे की उम्र 12 साल है। वह भी सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
भारत माता के सपूत और राजस्थान के झुंझुनू के मूल निवासी नायब सूबेदार शमशेर अली खान (Shamsher Ali Khan) आतंकी हमले में शहीद हो गए। गुरुवार सुबह वह भारत-चीन सीमा पर पेट्रोलिंग कर रहे थे, इसी दौरान आतंकियों से उनकी मुठभेड़ हुई। उनका पार्थिव शरीर आज रात 9 बजे उनके पैतृक गांव पहुंचेगा और शनिवार को उनको सुपुर्द-ए- खाक किया जाएगा।
शमशेर अली खान अरुणाचल प्रदेश के टेंगा में तैनात थे और 24 ग्रेनेडियर यूनिट के नायब सूबेदार थे। बुधवार रात पेट्रोलिंग के दौरान अचानक उनकी आतंकियों से मुठभेड़ हुई और वह शहीद हो गए।
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शमशेर अली खान का परिवार भी चार पीढ़ियों से सेना में सेवाएं दे रहा है और अब उनकी शहादत के बावजूद उनकी पांचवी पीढ़ी भी सेना में जाने की तैयारी कर रही है।
शमशेर के पिता इस बात से दुखी जरूर हैं कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। शमशेर के 2 बेटे और एक बेटी है। एक बेटे की उम्र 16 साल है और दूसरे बेटे की उम्र 12 साल है। वह भी सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
शमशेर 18 हजार फीट ऊंची पोस्ट पर तैनात थे। गुरुवार को सुबह 4.30 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
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