War of 1971: रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया का ऐसा था अनुभव, अब भी शहीद होने की रखते हैं चाह

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया (Aditya Vikram Pethia) ने भी हिस्सा लिया था।

Aditya Vikram Pethia

Aditya Vikram Pethia

War of 1971: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के गाडरवाड़ा तहसील के साईखेड़ा गांव के रहने वाले पेठिया (Aditya Vikram Pethia) ने इस युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया (Aditya Vikram Pethia) ने भी हिस्सा लिया था। 45 साल पहले लड़े गए इस युद्ध को यादकर उन्होंने कई अनुभव साझा किए हैं।

वे कहते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ अगर आज फिर से लड़ने का मौका मिला तो वह लड़ना चाहेंगे। इसके साथ ही देश के लिए शहीद भी होना चाहेंगे। उनका जोश आज भी ज्यों का त्यों है। मध्य प्रदेश के के नरसिंहपुर के गाडरवाड़ा तहसील के साईखेड़ा गांव के रहने वाले पेठिया ने इस युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।

War of 1971: 54 युद्ध बंदियों के इंतजार में आज भी सजाया जाता है यह डाइनिंग टेबल, जानें पूरी कहानी

पेठिया (Aditya Vikram Pethia) उन दिनों को याद कर कहते हैं, “उन दिनों जंग के मैदान में चारों तरफ जमकर गोलाबारी होती थी। मैं पश्चिमी सेक्टर में बतौर फ्लाइट लेफ्टिनेंट बॉम्बर स्क्वाड्रन पर तैनात था। हमें 5 दिसंबर, 1971 के दिन हाईकमान से ऑर्डर मिला था। इस ऑर्डर में कहा गया था हमें पाकिस्तान के चिश्तियां मंडी इलाके में टैंकों को टारगेट करना है।”

ये भी देखें-

पेठिया आगे बताते हैं, “ऑर्डर मिलते ही सर्च एंड स्ट्राइक शुरू कर दी गई थी। मकसद सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाना था। सर्च एंड स्ट्राइक दौरान गुप्त सूचना मिली कि बहावलपुर से टैंकों को लेकर ट्रेन गुजर रही है। यह भी पता लगा कि इसी इलाके में गोला बारूद का डिपो भी है। फिर क्या था हमने टारगेट पर नजर बनाई और मौका मिलते ही ट्रेन और डिपो को भस्म कर दिया था। इस हमले के बाद उस इलाके में धूल मिट्टी और धुंआ ही धुआं फैल गया था।”

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें