जम्मू कश्मीर में शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा को पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गई आखिरी विदाई

पल्लवी ने कहा कि कहीं ना कहीं अंदेशा था कि चीजें बहुत अच्छी नहीं हो रही हैं‚ क्योंकि उनसे (Martyr Col Ashutosh Sharma) कॉन्टेक्ट नहीं हो पा रहा था। हमारी शादी को 16 साल हो गए हैं। इतने सालों में आर्मी की ड्यूटी में पता चल जाता है कि अगर संपर्क नहीं हो पा रहा है तो मतलब है कि वे किसी ऑपरेशन में हैं। तब चिंता भी होती है।

Ashutosh Sharma

जम्मू कश्मीर के हंदवाडा एनकाउंटर में शहीद हुए सेना की 21राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा (Martyr Col Ashutosh Sharma) का अंतिम संस्कार आज सैन्य सम्मान के साथ अजमेर रोड़ स्थित मुक्तिधाम में किया गया। इस खास मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे और उन्होंने शहीद कर्नल आशुतोष को अपनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सेना के जवानों ने शहीद कर्नल के पार्थिव शरीर को गार्ड़ ऑफ ऑनर दिया। 

इस मौके पर शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा (Martyr Col Ashutosh Sharma) की पत्नी पल्लवी‚ बेटी तमन्ना‚ बड़े़ भाई पीयूष शर्मा और मां भी मौजूद थे। कोरोना महामारी और लॉकड़ाउन के चलते अंतिम संस्कार के दौरान को सोशल डि़स्टेसिंग का पूरा ध्यान रखते हुए अस्पताल पर ही सेना के अफसर और जवान शहीद कर्नल के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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आशुतोष (Martyr Col Ashutosh Sharma) के बड़े भाई पीयूष शर्मा ने कहा कि मेरा छोटा भाई देश के लिए शहीद हुआ‚ यह गर्व की बात है। वह एक जांबाज अफसर थे और देशभक्ति और वीरता उनकी रग–रग में थी। उन्होंने कहा कि उन्हें आशुतोष ने कहा था कि जिस दिन ऑपरेशन पूरा हो जाएगा। उसके अगले दिन फ्लाइट पकड़कर घर आ जाऊंगा। हमारा गांव बुलंदशहर में है। माताजी बुजुर्ग हैं‚ आशुतोष की बच्ची तमन्ना भी छोटी है। ऐसे में कोरोना महामारी की वजह से जयपुर से करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर दूर बुलंदशहर जिले के गांव परवाना जाकर अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। ऐसे में अब अंतिम संस्कार यहीं करना पड़ा।

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा (Martyr Col Ashutosh Sharma) की पत्नी पल्लवी ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे पति देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए। उनकी शहादत पर आंसू नहीं बहाऊंगी। उनका देश के लिए कुर्बान होना सम्मान की बात है‚ यह उनका फैसला था‚ इसका पूरा सम्मान करूंगी।

उन्होंने कहा कि वे कहते थे कि मुझ पर 15 सौ जवानों की जिम्मेदारी है और मुझे यकीन है कि तुम परिवार का अच्छे से ख्याल रख लोगी। वे आश्वस्त थे कि उनकी गैर मौजदूगी में मैं सब संभाल लूंगी।

शहीद की पत्नी ने कहा कि मुझ से आखिरी बार एक मई को आशुतोष से बात हुई थी। तब मैंने उन्हें उनकी यूनिट 21 राष्ट्रीय राइफल की 26 वीं वर्षगांठ पर बधाई देने के लिए उन्हें फोन किया था। उसके बाद वे ऑपरेशन में चले गए थे। मैं आखिरी बार उनसे 28 फरवरी को उधमपुर में मिली थी। 22 अप्रैल को शादी की 16वीं वर्षगांठ भी वीडियो कॉल से सेलिब्रेट की।

पल्लवी ने कहा कि कहीं ना कहीं अंदेशा था कि चीजें बहुत अच्छी नहीं हो रही हैं‚ क्योंकि उनसे (Martyr Col Ashutosh Sharma) कॉन्टेक्ट नहीं हो पा रहा था। हमारी शादी को 16 साल हो गए हैं। इतने सालों में आर्मी की ड्यूटी में पता चल जाता है कि अगर संपर्क नहीं हो पा रहा है तो मतलब है कि वे किसी ऑपरेशन में हैं। तब चिंता भी होती है।

वहीं छठी कक्षा में पढ़ रही बेटी तमन्ना ने बताया कि पापा से एक मई को बात हुई थी। मैं भी पापा की तरह आर्मी में जाउंगी।

Ashutosh Sharma

शहीद कर्नल आशुतोष 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे‚ जो कई मिशन का हिस्सा रहे। सेना ने बताया कि उन्होंने मुठभेड के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया। शहीद होने वालों में कर्नल आशुतोष के अलावा‚ मेजर अनुज‚ सब इंस्पेक्टर शकील काजी‚ एक लांस नायक और एक राइफलमैन शामिल थे।

मुठभेड हंदवाड़ा के छाजीमुल्लाह गांव में शनिवार दोपहर 3 बजे शुरू हुई थी। कर्नल आशुतोष को पिछले साल दूसरी बार सेना मेडल मिला था। बड़े भाई पीयूष शर्मा की नौकरी जयपुर में लगने के बाद पूरा परिवार यहां आ गया। बुलंदशहर के परवाना गांव में उनका घर और जमीन है। जयपुर में उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी तमन्ना के अलावा बुजुर्ग मां‚ भाई–भाभी और एक बहन भी हैं। बड़े भाई पीयूष अजमेर रोड पर जयसिंहपुरा में सेलिब्रेशन विला में रहते हैं‚ जबकि कर्नल की पत्नी पल्लवी और बेटी वैशाली नगर इलाके में रंगोली गार्डन में रहती हैं। यहीं उनके ससुरालीजन भी रहते हैं।

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