Pulwama Attack: पुलवामा हमले में यूपी के देवरिया और महाराजगंज के जवान शहीद

सरकार ऐसा कदम उठाए, जिससे दोबारा फिर कभी भी किसी जवान को इस तरह से अपनी जान ना गंवानी पड़े।

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Pulwama Attack: पुलवामा में हुये आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के बारह जवान शहीद हुये हैं। बनारस, आगरा, उन्नाव, इलाहाबाद, शामली, इटावा, चंदौली से लेकर महाराजगंज देवरिया तक के जवान शहीद हुये हैं। इस हमले में पूर्वी यूपी के गोरखपुर से सटे देवरिया और महराजगंज जनपद के दो लाल शहीद हुए हैं।

पहले शहीद हैं यूपी के महाराजगंज जनपद के पंकज त्रिपाठी। पंकज त्रिपाठी महाराजगंज के फरेन्दा थाना क्षेत्र के हरपुर गांव के टोला बेलहिया निवासी थे। पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी के दो बेटों में पंकज त्रिपाठी बड़े थे। अभी कुछ दिन पहले ही पंकज अपने बाबा के देहान्त होने पर छुट्टी लेकर घर आए थे। घटना से चार दिन पहले वापस ड्यूटी पर गए थे।

परिवार को जैसे ही पंकज की शहादत की सूचना मिली, पूरे घर में कोहराम मच गया। घर के बाहर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई है। किसी के आंखो से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। समूचा गांव दु:ख और सदमे में है। शहीद पंकज त्रिपाठी की शादी करीब छह साल पहले हुई थी। इनका चार साल का एक बेटा है।

वहीं देवरिया जिले के भटनी कस्‍बे के छपिया जयदेव गांव के निवासी विजय मौर्य अभी दस दिन की छुट्टी के बाद 9 फरवरी को ही वापस ड्यूटी पर लौटे थे। विजय मौर्य सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में कांस्‍टेबल के पद पर तैनात थे। विजय भी सीआरपीएफ के उस काफिले में सवार थे, जिसपर आतंकी हमला हुआ था।

विजय के शहादत की सूचना गांव पहुंचते ही सारा गांव गम में डूब गया।  पत्नी विजयलक्ष्मी अपने चार साल की बेटी आराध्या को गोद में लेकर दहाड़े मारकर रो रही थीं। पिता रामायण मौर्य की आंखों में आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। शहीद विजय मौर्य के घर सैकड़ों की तादाद में लोग सांत्वना देने पहुंचे। परिजनों और ग्रामीणों की मांग है कि सरकार ऐसा कदम उठाए, जिससे दोबारा फिर कभी भी किसी जवान को इस तरह से अपनी जान ना गंवानी पड़े।

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