Army Day: प्रधानमंत्री ने कहा- मां भारती की आन-बान और शान है भारत की सेना

72वें सेना दिवस (Army Day) के अवसर पर 15 जनवरी को दिल्ली में भव्य परेड का आयोजन किया गया। जिसकी सलामी पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने लिया।

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72वें सेना दिवस (Army Day) के अवसर पर 15 जनवरी को दिल्ली में भव्य परेड का आयोजन किया गया।

72वें सेना दिवस (Army Day) के अवसर पर 15 जनवरी को दिल्ली में भव्य परेड का आयोजन किया गया। जिसकी सलामी पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने लिया। इस अवसर पर शौर्य और बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले जवानों को मेडल से नवाजा गया।

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सेना दिवस: राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि।

72वें सेना दिवस (Army Day) के अवसर पर 15 जनवरी को दिल्ली में भव्य परेड का आयोजन किया गया। जिसकी सलामी पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने लिया। इस अवसर पर शौर्य और बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले जवानों को मेडल से नवाजा गया। थलसेना प्रमुख (Army Chief) जनरल मनोज मुकुंद नरवाने (General Manoj Mukund Naravane) ने परेड का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर नरवणे ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाना ऐतिहासिक कदम है, इससे राज्य को मुख्य धारा से जुड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम भविष्य में सेना की तैयारियों को और पुख्ता करेंगे।

सेना प्रमुख (Army Chief) ने यह भी कहा कि आतंकवाद हमें कतई बर्दाश्त नहीं है। इससे पहले, 15 जनवरी की सुबह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane), एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal R K S Bhadauria) और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह (Admiral Karambir Singh) ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

सेना दिवस (Army Day) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि भारत की सेना मां भारती की आन-बान और शान है। सेना दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को सलाम करता हूं। गौरतलब है कि साल 1949 में आज ही के दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ बने थे। इसीलिए इस दिन को सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है। करियप्पा बाद में फील्ड मार्शल भी बने।

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