पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से हुई गोलीबारी में भारत मां के वीर सपूत मोहसिन खान शहीद हो गए। 30 जुलाई को वह जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पेट्रोलिंग कर रहे थे। तभी सीमा पार से हुई गोलीबारी में गोली उनके सीने में लगी और वह शहीद हो गए।
मोहसिन खान भारतीय सेना (Indian Army) की 16 ग्रेनिडियर के सिपाही थे। उनकी उम्र मात्र 22 वर्ष थी। वह राजस्थान के झुंझुनूं जिले के कोलिंडा गांव के रहने वाले थे। कुछ दिनों पहले ही मोहसिन की सगाई तय की गई थी।
एक महीने की छुट्टी बिताकर हालही में उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की थी। पिता सरवर खान भी सेना (Indian Army) में सूबेदार पद से रिटायर हैं। भाई अमजद अली की सेना (Indian Army) में जल्द ही ज्वाइनिंग होने वाली है।
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1 अगस्त को ईद के दिन उनका पार्थिव शरीर कोलिंडा गांव पहुंचा। भारत मां के इस वीर सपूत के पार्थिव शरीर को देखने पूरा गांव उमड़ पड़ा। मात्र 22 वर्ष के बेटे को तिरंगे में लिपटा देख पिता अपने आंसू नहीं रोक सके। उधर उनकी मां समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बहुत बुरा हाल हो गया था।
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जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर परवेज अहमद हुसैन, सांसद नरेन्द्र खींचड़, प्रधान अलसीसर गिरधारी लाल खींचड़, सुशीला सीगड़ा, ज़िला परिषद सदस्य प्यारे लाल ढूकिया आदि ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए। मोहसिन खान को कोलिंडा के कब्रिस्तान में अंतिम विदाई दी गई।
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