‘ऑपरेशन विजय’ की भीषण लड़ाइयों में से एक थी प्वाइंट 4875 की लड़ाई, जानें कैसे सेना ने दिखाया था पराक्रम

भीषण गोलाबारी के बीच, 15000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले खड़ी ढाल के पहाड़ पर चढ़ाई कर, आमने-सामने की लड़ाई में घुसपैठियों को मार गिराया था।

Indian Army

भारतीय थल सेना (Indian Army) (फाइल फोटो)

युद्ध में 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स के सैनिकों ने स्वचालित हथियारों से की जा रही दुश्मन की भीषण गोलाबारी के बीच, 15000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले खड़ी ढाल के पहाड़ पर चढ़ाई कर, आमने-सामने की लड़ाई में घुसपैठियों को मार गिराया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को बुरी तरह से हराया था। पाकिस्तानी सेना ने कारिगल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। सेना ने अलग-अलग ऑपरेशन को अंजाम देकर पाकिस्तानी सेना को हर उस पोस्ट से खदेड़ दिया था जिसपर वह कब्जा जमाए बैठे थे।

कारगिल युद्ध का जिक्र हो तो ‘ऑपरेशन विजय’ की भीषणतम लड़ाइयों में से एक प्वाइंट 4875 की लड़ाई का जिक्र होना लाजिमी है। यह ऑपरेशन विजय की भीषणतम लड़ाइयों में से एक है। इस लड़ाई में, भारतीय सेना के सैनिकों द्वारा कारगिल क्षेत्र की मश्कोह घाटी में प्वाइंट 4875 को पाकिस्तानी घुसपैठियों से सफलतापूर्वक खाली कराया गया।

युद्ध में 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स के सैनिकों ने स्वचालित हथियारों से की जा रही दुश्मन की भीषण गोलाबारी के बीच, 15000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले खड़ी ढाल के पहाड़ पर चढ़ाई कर, आमने-सामने की लड़ाई में घुसपैठियों को मार गिराया था। लड़ाई में भारतीय सैनिकों को दो ‘परमवीर चक्र’ और पांच ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।

मालूम हो कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था लेकिन दुश्मनी आज तक बनी हुई है। पाकिस्तान एक ऐसा देश जो हमेशा भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचता है और मुंह की खाता रहा है।

1999 में भी ऐसा ही हुआ था एलओसी पर धोखे से कारिगल के महत्वूपर्ण  इलाकों पर कब्जा करने के बाद सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ के जरिए दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया था। भारत हमेशा से किसी भी मसले को शांति के साथ सुलझाने में विश्वास करता रहा है लेकिन दुश्मन द्वारा नापाक हरकरतें करने पर अपने हिसाब से निपटना भी जानता है।

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