NSG कमांडो को एक गोली से एक जान लेने की ट्रेनिंग दी जाती है, जानें इनकी खासियत

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी (NSG) देश के सबसे घातक कमांडो फोर्स है। इसे ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है। इन कमांडोज को दुनिया के सबसे बहादुर कमांडोज में से एक माना जाता है।

NSG

File Photo

National Security Gaurd: NSG  कमांडो बिना समय और बिना गोली गंवाए दुश्मनों को ढेर करना इनकी ट्रेनिंग में शामिल होता है। एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग 15 महीने से लेकर तीन साल तक के लिए होती है।

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी (NSG) देश के सबसे घातक कमांडो फोर्स है। इसे ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है। इन कमांडोज को दुनिया के सबसे बहादुर कमांडोज में से एक माना जाता है। इनका एक वार दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने में सक्षम होता है। देश की हाई प्रोफाइल हस्तियों की सुरक्षा का जिम्मा इन्हें ही मिला होता है।

एनएसजी (NSG) कमांडो के लिए कहा जाता है कि इन्हें एक गोली से एक जान लेने की ट्रेनिंग दी जाती है। यानी कि बिना समय और बिना गोली गंवाए दुश्मनों को ढेर करना इनकी ट्रेनिंग में शामिल होता है। एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग 15 महीने से लेकर तीन साल तक के लिए होती है। इस दौरन ऐसी कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है जिससे कि ये बेहद ही घातक हो जाएं।

कारगिल युद्ध को पाकिस्तानी सेना ने क्या कोड नाम दिया था? यहां जानें

यह कमांडो सिर से पांव तक काले रंग के कपड़ों में ढके रहते हैं इसलिए इन्हें ब्लैक कैट कमांडो कहा जाता है। आतंकवाद से लड़ने के लिए खासतौर पर प्रशिक्षित ब्लैक कैट कमांडो या एनएसजी कमांडो को तैनात किया जाता है। कमांडोज फोर्स के लिए भी कई चरणों में चुनाव होता है। कमाडों को आग के गोल और गोलियों की बौछारों के बीच ट्रेनिंग दी जाती है।

ये भी देखें-

माना जाता है कि अगर एनएसजी (NSG) फोर्स के 20 जवान लड़ने जाते हैं तो 20 जवान वापस लौटकर आएंगे। हालांकि, कई बार परिस्थितियों के कारण ऐसा नहीं हो पाता। साल 2008 के मुंबई हमले जैसे ऑपरेशन में एनएसजी फोर्स का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें भारत को सफलता मिली थी। 

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें