न सिर्फ पाकिस्‍तान बल्कि चीन की नजरें भी हर पल सियाचिन पर रहती हैं, जानें क्यों

भारतीय सेना (Indian Army) बीते तीन दशकों से लद्दाख में स्थिति सियाचिन ग्लेश्यिर की सुरक्षा कर रही है। भारत के लिए यह ग्लेशियर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

Siachen

Siachen: सियाचिन के पश्चिम में कश्मीर का वो इलाका मौजूद हैं जहां पीओके (PoK) यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर है। सियाचिन के पूर्व में काराकोरम पास है।

भारतीय सेना (Indian Army) बीते तीन दशकों से लद्दाख में स्थित सियाचिन ग्लेश्यिर की सुरक्षा कर रही है। भारत के लिए यह ग्लेशियर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हमारे सैनिक सियाचिन (Siachen) में ड्यूटी करते हैं। न सिर्फ पाकिस्‍तान बल्कि चीन की नजरें भी हर पल सियाचिन पर रहती हैं।

सियाचिन ग्लेशियर हिमालय की पूर्वी काराकोरम पर्वतमाला में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास स्थित एक ऐसा ग्लेशियर है जो कि चीन और पाकिस्तान हड़पने की फिराक में रहते हैं।

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सियाचिन (Siachen) के पश्मिच में साल्टोरो रिज है जबकि उत्तर में इंदिरा कोल वेस्ट है जो भारत का सबसे उत्तरी छोर है। सियाचिन के पश्चिम में कश्मीर का वो इलाका मौजूद हैं जहां पीओके (PoK) यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर है। सियाचिन के पूर्व में काराकोरम पास है।

साल 1984 के बाद से यहां पर कई घुसपैठ और कब्‍जे की कोशिशों हुई हैं। सेना का मानना है जब तक पीओके में आतंकी कैंप्‍स चल रहे हैं तब तक इस इलाके पर जरा सी भी ढील नहीं दी जा सकती।

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1984 में पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन मेघदूत’ चलाकर सियाचिन पर कब्जा किया गया था जो कि अबतक कायम है। अगर उस वक्त सियाचिन का इलाका पाकिस्तान के कब्ज़े में आ जाता, तो पाकिस्तान और चीन एकदम पास हो जाते। ये सुरक्षा के नजरिए से भारत के लिए बहुत बड़े खतरे वाली बात थी।

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