प्रशासन की उदासीनता, शहीद की पत्नी ने खुद के पैसों से बनवाया स्मारक

शहीद की पत्नी अन्नू कंवर अपना शहीद पति के हक और सम्मान के लिए आज एक साल बाद भी प्रशासन का मुंह देख रही है। आज भी उसे राज्य सरकार की ओर से शहीद स्मारक के लिए भूमि आवंटन, स्मारक निर्माण और मूर्ति लगाए जाने का इंतजार है।

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छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में राजस्थान के शहीद लोकेन्द्र सिंह शेखावत

नक्सली हमले में राजस्थान के एक शहीद जवान की पत्नी ने वह किया है जो सरकार और प्रशासन को करना चाहिए। पिछले साल 15 जुलाई, 2018 को छत्तीसगढ़ के कांकेर में हुए हमले में राजस्थान के सीकर के रहने वाले बीएसएफ जवान लोकेन्द्र सिंह शेखावत शहीद हो गए थे। शहीद की पत्नी अन्नू कंवर अपने शहीद पति के हक और सम्मान के लिए आज एक साल बाद भी प्रशासन की बाट जोह रही हैं। आज भी उन्हें राज्य सरकार की ओर से शहीद स्मारक के लिए भूमि आवंटन, स्मारक निर्माण और मूर्ति लगाए जाने का इंतजार है। प्रशासन की उदासीनता देख कर अन्नू कंवर ने शहीद पति के सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए खुद के पैसों से नाथूसर बस-स्टैंड के पास जमीन खरीद कर स्मारक और प्रतिमा बनवाया है।

शहीद लोकेन्द्र सिंह शेखावत 2012 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। वे बीएसएफ की 114वीं बटालियन में थे और छत्तीसगढ़ में तैनात थे। बीते साल राज्य में हुए एक नक्सली हमले में वे शहीद हो गए थे। उनके शहीद होने के बाद उनके आश्रितों के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा किया गया वादा अब तक पूरा नहीं हो पाया है। शहीद की पत्नी को पेंशन और सरकारी नौकरी के लिए एक साल बाद भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। शहीद के नाम पर गांव के सरकारी विद्यालय का नामकरण होना था, वह भी नहीं हुआ, न ही अब तक उनका रोडवेज पास बना है। मिला है तो बस आश्वासन।

राज्य सरकार से कुल अनुमानित सहायता राशि करीब 25 लाख रूपए मिलती है। लेकिन उन्हें केवल एक लाख रूपए की ही मदद मिली है। अन्नू कंवर के मुताबिक, सरकार शहीद का स्मारक बनवाने के लिए गांव के बाहर जोहड़ या नदी में जमीन दे रही थी। लेकिन वह नाथूसर बस-स्टैंड के पास अपने शहीद पति का स्मारक बनवाना चाहती थीं। इसलिए खुद ही पहल कर स्मारक का निर्माण करवाया। अन्नू कंवर को अभी भी उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन उनकी सुध लेगा।

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