फाइल फोटो।
India Pakistan War 1965: फ्लाइट लेफ्टिनेंट नंदा करियप्पा (Nanda Cariappa) और उनके साथी पायलट बेहद ही बहादुरी के साथ दुश्मनों से निपट रहे थे। तभी उनके विमान पर दुश्मन की गोली लग गई और उससे आग की लपटें निकलने लगीं। वह विमान से इजेक्ट होकर पाकिस्तानी सीमा में जा गिरे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तान को इस युद्ध बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। युद्ध में वायुसेना ने भी अहम भूमिका अदा की थी। पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक्शन के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट नंदा करियप्पा (Nanda Cariappa) और उनके दो साथी जवानों ने अहम भूमिका निभाई थी। नंदा फील्ड मार्शल करियप्पा के बेटे हैं।
भारत-पाकिस्तान युद्ध के आखिरी दिन वे दुश्मनों पर कहर बनकर टूट थे। दरअसल, 22 सितंबर, 1965 को नंदा करियप्पा तीन सदस्यों वाले स्क्वॉड्रन को लीड कर रहे थे। इस दौरान दुश्मनों के ठिकानों पर हमला करने की योजना थी। दुश्मन भी नीचे से लगातार गोलियां बरसा रहे थे।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट नंदा करियप्पा (Nanda Cariappa) और उनके साथी पायलट बेहद ही बहादुरी के साथ दुश्मनों से निपट रहे थे। तभी उनके विमान पर दुश्मन की गोली लग गई और उससे आग की लपटें निकलने लगीं। वह विमान से इजेक्ट होकर पाकिस्तानी सीमा में जा गिरे।
पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़कर युद्धबंदी बना लिया। जब वे जमीन पर गिए थे तो उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इसके बाद उन्हें रावलपिंडी के सीएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जब पाकिस्तानी सेना और राष्ट्रपति की पत्नी को पता चला कि नंदा फील्ड मार्शल करियप्पा के बेटे हैं, तो वे उनसे मिलने सीएमएस अस्पताल पहुंचीं थीं।
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वे उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं, “वो मेरे लिए स्टेट एक्सप्रेस सिगरेट का एक कार्टन और वोडहाउज का एक उपन्यास ले कर आए थे। उन्होंने मेरा हाल-चाल पूछा और दिलासा दिया कि जल्दी ही मुझे छोड़ दिया जाएगा।”
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