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Missiles and Rockets: हर देश तरह-तरह की मिसाइलें अपने हथियारों के जखीरे में रखता है ताकि दुश्मन को दूर से ही नेस्तनाबूद किया जा सके। भारत के पास भी, पास और दूर तक मार करने वाली कई तरह की मिसाइलें हैं।
पुराने जमाने में दो गुटों या देशों के बीच तलवार, भाले या फिर बंदूक आदि के जरिए लड़ाई लड़ी जाती थी। युद्ध में इनके जरिए कम से कम नुकसान होता था, क्योंकि इनका दायरा सीमित था। जैसे-जैसे टेक्नॉलजी में निखार आया वैसे-वैसे हथियार भी अपग्रेड होने लगे।
आज आलम यह है कि एक देश चाह तो हजारों किलोमीटर दूर किसी देश के एक शहर को टारगेट कर वहां तबाही मचा सकता है। ऐसा रॉकेट और मिसाइल (Missiles) के जरिए संभव है। यानी रॉकेट और मिसाइल दुश्मन को दूर से ही नेस्तनाबूद करने में इस्तेमाल होती हैं। इनके के जरिए पलभर में बाजी पलट सकती है।
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यही वजह है कि हर देश तरह-तरह की मिसाइलें अपने हथियारों के जखीरे में रखता है ताकि दुश्मन को दूर से ही नेस्तनाबूद किया जा सके। भारत के पास भी, पास और दूर तक मार करने वाली कई तरह की मिसाइलें हैं। जिन देशों के पास यह एडवांस हथियार नहीं हैं वह सैन्य ताकत के मामले में बेहद कमजोर माने जाते हैं।
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कुछ मिसाइलों को अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करने वाले रॉकेट में तब्दील कर लिया गया है। यानी दुश्मनों को भनक तक नहीं लगेगी और उनपर वार हो जाएगा। परमाणु मिसाइल का इस्तेमाल तो सबसे ज्यादा घातक होता है। इन हथियारों के लिए हर देश मिसाइल का कारखाना और टेस्टिंग रेंज स्थापित करता है। ताकि समय समय पर इन्हें जरूरत के मुताबिक अपग्रेड किया जा सके।
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