शहीद गणेश हांसदा: मां तलाश रही थी दुल्हन, घर पहुंचेगा तिरंगे में लिपटा बेटा

भारत-चीन सीमा पर शहीद जवानों में झारखंड के जवान गणेश हांसदा भी वीरगति को प्राप्त हुए हैं। शहादत की खबर से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद गणेश हंषदा (Martyr Ganesh Hansda) के परिजनों से मिलने और सांत्वना देने के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है।

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शहीद गणेश हांसदा। (फाइल फोटो)

भारत-चीन सीमा पर 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इन शहीद जवानों में झारखंड के जवान गणेश हांसदा भी वीरगति को प्राप्त हुए हैं। शहादत की खबर से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद गणेश हांषदा (Martyr Ganesh Hansda) के परिजनों से मिलने और सांत्वना देने के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है।

थम नहीं रहे परिजनों के आंसू: शहीद गणेश के पिता शुभदा हांसदा, मां कापरी हांसदा, बड़े भाई दिनेश हांसदा, और भाभी सोनारो हांसदा के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शहीद गणेश का पार्थिव शरीर आज शाम रांची स्थित एयरपोर्ट में लाया जाएगा। इसके बाद वहां से पार्थिव शरीर को उनके गांव ले जाया जाएगा।

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महज 23 साल की उम्र में हो गए देश पर न्योछावर: शहीद होने वाले गणेश हांसदा (Martyr Ganesh Hansda) पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड के चिंगड़ा पंचायत के कोसा फलिया गांव के रहने वाले थे। उन्होंने महज 23 साल की उम्र में वतन की खातिर खुद को कुर्बान कर दिया। गणेश के पिता सुबदा हांसदा किसान हैं और मां गृहणी हैं। बड़े भाई गांव में ही रहकर खेती-बाड़ी करते हैं।

मां कर रही थी बेटे के लिए दुल्हन की तलाश: शहीद गणेश हांसदा (Martyr Ganesh Hansda) की अभी शादी नहीं हुई थी। घर में अभी उनकी शादी की बात चल ही रही थी। उनके लिए उनकी मां दुल्हन की तलाश कर रही थीं। बताया जा रहा है कि मां अपने छोटे बेटे की शादी के लिए काफी उत्साहित थी, लेकिन उससे पहले ही दुखद खबर मिल गई।

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साल 2018 में किया था आर्मी ज्वॉइन: गणेश ने सितंबर, 2018 में इंडियन आर्मी (Indian Army) ज्वॉइन की थी। रांची स्थित मोहरा वादी मैदान में हुई इंडियन आर्मी की सीधी बहाली में गणेश (Martyr Ganesh Hansda) ने सफलता हासिल की थी। दानापुर में ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी। 3 दिसंबर, 2019 को अंतिम बार अपने घर 2 महीने की छुट्टी लेकर आए थे।

शुरू से ही सेना में जाना चाहते थे: शहीद गणेश (Martyr Ganesh Hansda) के दोस्त बताते हैं कि उन्होंने साल 2015 में कीरुकूझी उत्क्रमित हाई स्कूल से प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास किया था। इसके बाद उन्होंने करणडीह स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज में साइंस से इंटर में दाखिला लिया था। वहीं पर उन्होंने एनसीसी भी ज्वॉइन किया था। उनकी शुरू से ही सेना में जाने की इच्छा थी।

मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद गणेश हांषदा (Martyr Ganesh Hansda) की शहादत पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के सपूत ने देश की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्ति की है, जिससे झारखंड का सिर ऊंचा हो गया है। हमारे सैनिक का बलिदान देश के लिए हुआ है, वह व्यर्थ नहीं जाएगा।

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