मेरठ के इस मेजर ने जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए दी शहादत, रोते हुए मां ने पूछा- मेरा शेर बेटा कहां गया?

केतन और उनकी टीम ने मकान में घुसे दो आतंकवादियों को मौके पर मार गिराया। लेकिन एक आंतकवादी भागने लगा तो केतन और उनकी टीम ने उस पर फायरिंग की।

मेजर केतन शर्मा

दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले के अच्छाबल इलाके में 17 जून को हुई मुठभेड़ में सेना के मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए।

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के अच्छाबल इलाके में 17 जून को हुई मुठभेड़ में सेना के मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए। 20 दिन पहले ही 27 मई को वह मेरठ से ड्यूटी पर लौटे थे। शहादत की खबर के बाद सेना के अधिकारी माता-पिता को ढांढस बंधाने के लिए घर पहुंचे। इस दौरान बिलखते हुए मां ने सैन्य अफसरों से पूछा, ‘मुझे बता दो मेरा शेर बेटा कहां गया? कब आएगा?’ मां के इस सवाल पर वहां मौजूद सबकी आंखें नम हो गईं।

मिली जानकारी के अनुसार, अच्छाबल के बिडूरा गांव में रविवार देर रात सुरक्षाबलों को दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान सोमवार तड़के आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान सेना के दो मेजर सहित चार जवान घायल हुए थे। उन्हें शुरुआती चिकित्सा देने के तुरंत बाद सेना के 92 बेस अस्पताल रेफर किया गया। इनमें से एक मेजर शहीद हो गए।

शहीद मेजर केतन शर्मा कंकरखेड़ा मेरठ के श्रद्धापुरी फेस-2 निवासी थे। वह माता-पिता के इकलौते बेटे थे। शहीद मेजर केतन शर्मा साल 2012 में लेफ्टिनेंट बने थे और उसके बाद वह मेजर बने। परिवार में उनकी एक छोटी बहन है। केतन शर्मा की शादी 2012 में दिल्ली की रहने वाली ईरा से हुई थी। शर्मा की एक बेटी कायरा है। उनकी शहादत के वक्त पत्नी ईरा अपनी पांच साल की बेटी के साथ दिल्ली अपने मायके में थीं। बेटे के शहादत की खबर 17 जून की शाम पिता रविंद्र शर्मा और उनकी माता उषा शर्मा को मिली। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मेजर केतन शर्मा की शहादत की सूचना घर पहुंचने पर परिजनों में कोहराम मच गया।

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साथी बताते हैं कि केतन एक जिंदादिल इंसान थे। मेजर केतन शर्मा साल 2011 में आईएमए देहरादून में भर्ती हुए थे। पासिंग आउट परेड के बाद साढ़े तीन साल पुणे में ट्रेनिंग हुई। फिर मेरठ की 57 इंजीनियर रेजीमेंट में पोस्टिंग हुई। मेरठ में कुछ दिन ही रहे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में मेजर पद पर थी।

पिता रविंद्र शर्मा ने बताया कि बेटे केतन ने ठान लिया था कि उसे सेना में अफसर ही बनना है। केतन के इरादे और हौसले को देखकर पिता ने उन्हें कभी रोका नहीं। जितना हो सका सपोर्ट किया। सेना के अधिकारियों के अनुसार, कश्मीर के अंनतनाग में 17 जून को एक मकान के अंदर तीन आतंकवादी घुस गए थे, जहां मेजर केतन अपनी टीम के साथ ऑपरेशन पर पहुंचे। दोनों तरफ से फायरिंग हुई, इसके बाद केतन और उनकी टीम ने मकान में घुसे दो आतंकवादियों को मौके पर मार गिराया। लेकिन, एक आंतकवादी भागने लगा तो केतन और उनकी टीम ने उस पर फायरिंग की। जवाब में आंतकवादी ने भी फायरिंग की। इसमें गोली लगने से केतन घायल हो गए। इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उनके दो साथी भी घायल हो गए। लेकिन टीम ने तीसरे आंतकवादी को भी मार गिराया।

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