Kargil War: जब 80mm की तोप से लैस तीन विमानों ने की थी ताबड़तोड़ बमबारी

सेना के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी कि वे इन पोस्टों को अपने कब्जे में वापस कैसे ले। पाकिस्तान जिन पोस्टों पर था वहां से सैनिकों के मूवमेंट और स्ट्रैटजी को पहले ही जाना जा सकता था।

Kargil War

Kargil War: भारतीय सेना (Indian Army) के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी कि वे इन पोस्टों को अपने कब्जे में वापस कैसे ले। पाकिस्तान जिन पोस्टों पर था वहां से सैनिकों के मूवमेंट और स्ट्रैटजी को पहले ही जाना जा सकता था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध (Kargil War) के दौरान भीषण हालात थे। पाकिस्तान के साथ युद्ध के उन दिनों में बाजी कभी भी पलट सकती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने कारगिल के ऊंचाई वाले सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर धोखे से कब्जा किया हुआ था।

पाकिस्तानी सेना ने कारिगल की करीब 140 पोस्ट पर धोखे से कब्जा कर लिया था। हमारे जवानों ने एक पल भी हौंसला कम नहीं होने दिया।भारतीय सेना के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी कि वे इन पोस्टों को अपने कब्जे में वापस कैसे ले। पाकिस्तान जिन पोस्टों पर था वहां से सैनिकों के मूवमेंट और स्ट्रैटजी को पहले ही जाना जा सकता था।

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पाकिस्तान को पस्त करने के लिए भारतीय सेना, वायु सेना के पास जो भी एडवांस हथियार थे उनका बखूबी इस्तेमाल किया गया था। सेना के सामने दुश्मनों की बड़ी फौज थी जो कि एक तरह से छिपी हुई थी क्योंकि हम निचले इलाके पर थे।

ऊंचाई पर बैठे दुश्मनों के खिलाफ मिग-21 विमान में लगे सिस्टम के जरिए ताबड़तोड़ बमबारी की गई थी। दुश्मन पर 80एमएम से लेकर 30एमएम के बम बरसाए गए थे।

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उनके हमलों से बटालिक सेक्टर में दर्जनों पाकिस्तानी फौजी मारे थे। इस युद्ध में कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ सेना की ओर से की गई कार्रवाई में हमारे 527 जवान शहीद हुए थे और करीब 1363 घायल हुए थे।

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