कारगिल युद्ध: जब राजपुताना राइफल्स ने तोलोलिंग पर किया कब्जा, भारत ने तोड़ दी थी पाकिस्तान की कमर

कारगिल युद्ध (Kargil War) को हर साल 26 जुलाई के दिन विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी को कारगिल में हराकर अपना पराक्रम दिखाया था। पूरा देश एकबार फिर कारगिल दिवस के लिए तैयारी शुरू कर रहा है।

कारगिल युद्ध (Kargil War) करीब 2 महीने तक भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया। 1999 में पाकिस्तान ने धोखे से सीमा से सटे कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा कर लिया था। भारत को जैसे ही इसका पता चला तो आक्रमक रूप अपनाया गया। पाकिस्तान के खिलाफ एक एक कर कई ऑपरेशान लॉन्च किए गए। इनमें से एक था- ऑपरेशन तोलोलिंग (Operation Tololing)। तोलोलिंगा श्रीनगर लेह राजमार्ग के ऊपर स्थित है और यह रणनीतिक तौर पर बेहद अहम इलाका है।

इस ऑपरेशन के जरिए भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी। पाकिस्तान ने तोलोलिंग पर कब्जा कर रखा था। 13 जून को देश के वीर सपूतों ने तोलोलिंग की चोटी को वापस अपने कब्जे में लेकर पाकिस्तान को अपना पराक्रम दिखा दिया। वह भी तब जब दुश्मन ऊंचाई पर भारत की हर हरकत पर नजर गढ़ाए बैठा था। पाकिस्तान तोलोलिंगा की चोटी पर था और एक पत्थर भी वहां से फेंकता तो भारतीय सेना को नुकसान होता।

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इस सब के बावजूद भारतीत सैनिकों को जज्बा नहीं डगमगाया और चोटी पर चढ़ाई कर वहां कब्जा जमाए पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर तिरंगा लहराकर ही दम लिया। यह युद्ध के दौरान भारत की बड़ी जीत थी। इस जीत ने युद्ध में भारत की स्थिति को मजबूत किया और पूरी बाजी को पलट दिया था।

इस जीत को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) मोहिंदर पुरी बताते हैं कि इस ऑपरेशन से पहले मैं वापस हेडक्वार्टर चला गया था। मुझे वहां पहुंचते ही फोन आया कि राजपुताना राइफल्स ने तोलोलिंग पर कब्जा कर लिया है। सही मायनों में यह जीत बेहद जरूरी दी थी कारगिल फतह करने के लिए इस जीत ने नींव का काम किया।’

मालूम हो कि कारगिल युद्ध (Kargil War) को हर साल 26 जुलाई के दिन विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी को कारगिल में हराकर अपना पराक्रम दिखाया था। पूरा देश एकबार फिर कारगिल दिवस के लिए तैयारी शुरू कर रहा है।

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