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Kargil War: देश की रक्षा के लिए इनके बलिदान को सराहा गया और बदला लेने की आग भारतीय सेना में उठ चुकी थी। शवों के साथ जो पाक ने किया वैसा कभी हिंसक पशु भी नहीं कर सकते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया गया था। सेना (Indian Army) किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार रहती है। ऐसा ही कारगिल युद्ध के दौरान भीदेखने को मिला था। वक्त पर कार्रवाई कर सेना ने दुश्मनों के इरादों पर पानी फेर दिया था।
युद्ध (Kargil War) की शुरुआत पाकिस्तान के कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जे और जाट रेजीमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथियों अर्जुन राम, भंवर लाल, बीका राम, मूला राम और नरेश सिंह की निर्मम हत्या के बाद शुरू हुआ था।
…जब युद्ध से पहले ही पाक सैनिकों और आतंकियों ने कारगिल के ऊंचे इलाकों पर कर लिया कब्जा
इनके शवों के साथ जो पाक ने किया वैसा कभी हिंसक पशु भी नहीं कर सकते हैं। 6 जून को उनके शव भारत को सौंपे गए थे जिन्हें देख कर देश दहल गया था। कारगिल युद्ध शुरू होने से पहले कैप्टन कालिया ने घुसपैठ की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी
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पाकिस्तान को सबक सिखाना भारत के लिए जरूरी हो गया था। भारतीय सेना के इन पांच जवानों ने सबसे पहले शहादत दी थी। देश की रक्षा के लिए इनके बलिदान को सराहा गया और बदला लेने की आग भारतीय सेना में उठ चुकी थी। नतीजन सेना को युद्ध के लिए तैयार किए गया और हालात भी युद्ध की ओर ले जा रहे थे।
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