Kargil War 1999: ऐसा था चश्मीदद का अनुभव, रात भर पहाड़ी पर बम बरसते थे

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली थी। पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर हमारी सेना ने विफल साबित किया था।

Kargil War 1999: कारगिल का द्रास सेक्टर ही वह जगह है जहां पर इस पूरे लड़ाई को अंजाम दिया गया। इस युद्ध की याद आज भी कई लोगों के मन में ताजा है। ये वे लोग हैं जो कि भारी गोलीबार के बीच करीब 2 महीने तक परेशानी में रहे थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली थी। पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर हमारी सेना ने विफल साबित किया था।

कारगिल का द्रास सेक्टर ही वह जगह है जहां पर इस पूरे लड़ाई को अंजाम दिया गया। इस युद्ध की याद आज भी कई लोगों के मन में ताजा है। ये वे लोग हैं जो कि भारी गोलीबार के बीच करीब 2 महीने तक परेशानी में रहे थे।

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द्रास में इंटरनेट कैफे चलाने वाले जाकिर ने युद्ध के उन दिनों को याद करते हुए अपना अनुभव साझा किया है। जाकिर की उम्र इस समय करीब 36 वर्ष है। मई, 1999 में जाकिर आठवीं क्लास में पढ़ रहे थे। वे बताते हैं, “हम स्कूल में थे और हमें लगातार बम धमाकों की आवाज आ रही थी। हमारी मैडम ने हमसे कहा था कि दंगा भड़क गया है। हमें घर जाने के लिए कह दिया गया था।”

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वे आगे बताते हैं, “हमें अंदाजा नहीं था कि पाकिस्तान ने हमारे देश पर हमला कर दिया है। रात भर हमें भारी गोलीबारी की आवजें सुनाई देती थीं। दुश्मन पहाड़ियों पर बम बरसाते थे। हमें बहुत डर लगा था। लेकिन भारतीय सेना द्वारा हमें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। हमें टेंटों में रहना पड़ा था। पाकिस्तान रात भर बमबारी करता था। वह दिन में और ज्यादा बमबारी करता था। घर के खिड़की दरवाजे भी हिलते रहते  थे।”

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