झारखंड: कारगिल शहीद की बेटी बनी दारोगा, पिता की शहादत पर लिया था देश सेवा का संकल्प

20 साल पहले कारगिल में शहीद हुए सैनिक की बेटी पूजा विभूति उरांव ने झारखंड पुलिस में दारोगा पद की शपथ लिया। यह बहुत ही भावनात्मक पल था पूजा और उनके परिवार के लिए।

Kargil Martyr

20 साल पहले कारगिल में शहीद हुए सैनिक की बेटी पूजा विभूति उरांव ने झारखंड पुलिस में दारोगा पद की शपथ लिया।

20 साल पहले कारगिल में शहीद (Kargil Martyr) हुए सैनिक की बेटी पूजा विभूति उरांव ने झारखंड पुलिस में दारोगा पद की शपथ लिया। यह बहुत ही भावनात्मक पल था पूजा और उनके परिवार के लिए।

Kargil Martyr
पूजा विभूति उरांव

पूजा गुमला के शहीद बिरसा उरांव की बेटी हैं। 1999 में कारगिल में देश की रक्षा करते हुए बिरसा ने अपनी जान देश पर कुर्बान की थी। पूजा को शहीद (Kargil Martyr) पिता का तिरंगे में लिपटा शव आज भी याद है। तब आंखों में आंसू लिए संकल्प लिया था कि मैं भी देश सेवा करूंगी। दारोगा बन वह सपना साकार होता दिख रहा। पूजा के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों की भी आंखें नम थीं। बेटी को वर्दी में देखकर गर्व की अनुभूति हो रही थी। हजारीबाग में पूजा समेत 1170 दारोगा पासिंग परेड में शामिल हुए।

गुमला के सिसई से पूजा की मां, दादा, भाई व परिवार के अन्य पहुंचे थे। राज्यसभा सदस्य समीर उरांव भी आए थे। समीर पूजा के मामा हैं। सभी दर्शक दीर्घा में बैठकर बिटिया को वर्दी में देखकर खुश थे। मां की आंखें बार-बार डबडबा रही थीं। सीएम मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पासिंग परेड की सलामी ली। परेड के बाद प्रशिक्षु दारोगा और उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए सीएम ने उग्रवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया।

उन्होंने कहा कि हमें विरासत में उग्रवाद मिला था, आज उग्रवादी अंतिम सांसें गिन रहे हैं। हमारी सरकार ने ऐसी व्यवस्था दी है कि यहां गरीब, मजदूर और रिक्शा चालक के बेटा- बेटी भी दारोगा एवं अधिकारी बन रहे हैं। ये दारोगा जब थाने में जाएंगे तो युवा जोश और नेतृत्व के सहारे उग्रवादियों पर अंतिम प्रहार किया जाएगा।

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