इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन: 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध की ये थी वजह

विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान (Pakistan) की नजर कश्मीर (kashmir) पर थी जिसे वो आज तक हमसे नहीं छीन पाया है। ऐसा भारतीय सेना के शौर्य के चलते संभव हो सका है।

Anantnag

फाइल फोटो

भारत को अपने मन मुताबिक जो पाकिस्तान (Pakistan) को देना था वो दिया। इस दौरान पाकिस्तान द्वारा कश्मीर (kashmir) की मांग की गई तो इसे पूरा नहीं किया गया। कश्मीर को भारत में शामिल करवा लिया गया।

भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच पहला युद्ध 1947-48 के दौरान लड़ा गया। विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान की नजर कश्मीर (kashmir) पर थी जिसे वो आज तक हमसे नहीं छीन पाया है। ऐसा भारतीय सेना के शौर्य के चलते संभव हो सका है। विभाजन के बाद पाकिस्तान हमसे वह सब छीन लेना चाहता था जो बेशकीमती था। 15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत और पाकिस्तान कानूनी तौर पर दो स्वतंत्र राष्ट्र बने।

भारत को अपने मन मुताबिक जो पाकिस्तान को देना था, वो दिया। इस दौरान पाकिस्तान द्वारा कश्मीर की मांग की गई तो इसे पूरा नहीं किया गया। कश्मीर को भारत में शामिल करवा लिया गया। विभाजन के बाद कई रियासतें भारत में शामिल हुईं थी जिसमें से एक कश्मीर भी थी। बंटवारे के दौरान भारत के करोड़ों लोग प्रभावित हुए और हिंसा भड़क उठी थी।

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अक्टूबर 1947 के दौरान भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना के समर्थन के साथ हज़ारों की संख्या में जनजातीय लड़ाकुओं ने कश्मीर में प्रवेश कर राज्य के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था, जिसके फलस्वरूप भारत से सैन्य मदद पाने के लिए कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह को ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर हस्ताक्षर करने पड़े।

इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन में ये था कि केंद्र को सिर्फ जम्मू-कश्मीर  के रक्षा, विदेश और संचार से संबंधित कानून बनाने का अधिकार होगा। बाकि मसले राज्य खुद देखेगा। इस युद्ध में भारत को कश्मीर के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो तिहाई हिस्से (कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख) पर कंट्रोल हासिल हुआ, जबकि पाकिस्तान को लगभग एक तिहाई हिस्से पर यानी गुलाम कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान का एरिया।

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