जासूसों के पास होते हैं कई तरह के खुफिया गैजेट्स, दुश्मनों की हर चाल पर रखी जाती है नजर

जासूस छोटे-छोटे सबूतों से जासूस असली खतरे का पता लगाने में माहित होते हैं। इन सब के साथ जासूस के पास गजब के गैजेट्स  होते हैं जो काम आसान बना देते हैं।

Indian Raw Spy

Indian Raw Spy: जासूस छोटे-छोटे सबूतों से असली खतरे का पता लगाने में माहिर होते हैं। इन सब के साथ जासूस के पास गजब के गैजेट्स भी होते हैं जो उनका काम और ज्यादा आसान बना देते हैं।

भारतीय जासूस देश की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। कई जासूस तो सालों से अपने वतन से दूर दूसरे देशों में रह रहे हैं। जासूसों की खासियत ही यही होती है कि वे अपनी पहचान छिपाकर दुश्मन के सामने बिना भनक लगे कई जानकारियां जुटा लेते हैं।

जासूसी करना सबसे खतरनाक काम माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि थोड़ा सा भी शक और फिर मौत या जिंदगी भर जेल। ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं जब हमारे जासूसों को दुश्मन देश ने कैद कर लिया हो। जासूस छोटे-छोटे सबूतों से जासूस असली खतरे का पता लगाने में माहिर होते हैं। इन सब के साथ जासूस के पास गजब के गैजेट्स  होते हैं जो उनका काम और ज्यादा आसान बना देते हैं।

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जासूस दस्ताने वाली पिस्टल, जूते में लगा हील ट्रांसमीटर, लिपस्टिक गन, जानलेवा छाता आदि का इस्तेमाल करते हैं। इनके अलावा वे अपने पेन या शर्ट के बटन पर कैमरा का इस्तेमाल करते हैं। ये गैजेट्स इस तरह से फिट किए जाते हैं कि सामने वाले को भनक तक नहीं लगती। इनको मुसीबत के वक्त काम में लाकर अपनी जान बचा सकते हैं।

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बता दें कि रॉ एजेंटों (Indian Raw Spy) को देश-विदेश की यात्राएं करने का अवसर मिलता है। कई एजेंट तो ऐसे हैं जो कि कई सालों से दूसरे देशों में रहे हैं और वहां की खुफिया जानकारियां भारत तक पहुंचा रहे हैं। एजेंट्स को पहले बेसिक और बाद में उच्च स्तरीय ट्रेनिंग दी जाती है। बुनियादी परीक्षण में 10 दिनों की ट्रेनिंग होती है। इस दौरान एजेंट्स को जासूसी की कुछ बेसिक जानकारियां दी जाती हैं।

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