आर्मी की हवाई ट्रेनिंग होती है बेहद खतरनाक, हजारों फीट की ऊंचाई से छलांग लगाते हैं जवान

छलांग लगाने से पहले सैनिकों को मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। इसके बाद कई दिनों तक पैराशुट बैग को किस तरह से इस्तेमाल करना है इसकी ट्रेनिंग दी जाती है।

Indian Army Training

इस ट्रेनिंग में भारतीय स्पेशल फोर्स और तुर्कमेनिस्तान स्पेशल फोर्स के जवानों ने हिस्सा लिया। इस स्पेशल ट्रेनिंग में भारतीय जवानों ने कॉम्बैट फ्री फॉल के गुर सिखाए।

Indian Army Training: छलांग लगाने से पहले सैनिकों को मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। इसके बाद उन्हें कई दिनों तक पैराशुट बैग को किस तरह से इस्तेमाल करना है इसकी ट्रेनिंग दी जाती है।

भारतीय सेना (Indian Army) दुश्मनों को नेस्तनाबुद करने के लिए हर मोर्चे पर तैनात रहती है। सेना के वीर सपूत जान की बाजी लगाकर भारतीय सरजमीं की रक्षा करते हैं। सेना में शामिल होने से पहले सैनिकों को कड़ी ट्रेनिंग (Indian Army Training) से गुजरना होता है। सैनिकों को की तरह की ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें से एक हवाई ट्रेनिंग भी होती है।

सैनिक हजारों फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर जमीन पर पैराशूट के जरिए लैंड करने का अभ्यास करते हैं। इस ट्रेनिंग के दौरान बेहद ही सावधानी बरती जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जरा सी भी चूक भारी पड़ सकती है।

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छलांग लगाने से पहले सैनिकों को मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। इसके बाद उन्हें कई दिनों तक पैराशुट बैग को किस तरह से इस्तेमाल करना है इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। जमीनी स्तर पर काम पूरा होने के बाद सैनिकों को हेलिकॉप्टर के जरिए हजारों फीट की ऊंचाई पर ले जाकर अभ्यास करवाया जाता है।

इस दौरान जवान हजारों फीट की ऊंचाई से छलांग लगाते हैं और पैराशुट के जरिए लैंड करते हैं। ऐसे कई मौके आए हैं जब हमारे जवान विशेषकर एयरफोर्स का पायलटों ने इसका बखूबी इस्तेमाल किया।

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भारतीय सेना (Indian Army) के जवान बेहद ही फिट और फुर्तीले होते हैं। जवानों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जाती है कि वे विपरीत परिस्थितियों में खुद को ढाल सकें। इंडियन आर्मी की ट्रेनिंग बेहद ही कड़ी और अनुशासन से भरी होती है। करीब 5 हजार घंटे यानी 19 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद एक जवान पूरी तरह से देश की रक्षा में लगाया जाता है।

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