Indian Army: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को भगा-भगाकर मारा था।
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे कई मौके आए हैं जब जवानों ने देश के लिए शहादत दी है। भारत मां की रक्षा हमारे जवानों के लिए सर्वोपरि होती है। जब हमारे जवान छुट्टी लेकर अपने घर आते हैं तो उन्हें कई बार छुट्टी के बीच में ही ड्यूटी पर लौटना पड़ता है।
जवानों के लिए ड्यूटी यानी देश की सेवा पहले होती है और उसके बाद सारे काम। यही वजह है कि हमारे जवानों ने कई मौकों पर विकट परिस्थितियों में भी देश सेवा को चुना।
घायल होने पर जवानों का ऐसे रखा जाता है ख्याल, आसान नहीं होता दुश्मनों से सामना करना
विकट परिस्थिति इसलिए क्योंकि कई बार जवान अपनी शादी और अन्य जरूरी काम के बीच ड्यूट पर लौट आते हैं। ऐसे में जवानों की देश सेवा के लिए तत्परता काफी अहम मानी जाती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी सेना को भगा-भगाकर मारा था। भारतीय सेना के पराक्रम के आगे पाकिस्तानी सेना टिक नहीं पाई थी। कई जवान इस युद्ध के दौरान अपनी छुट्टी को बीच में ही कैंसल कर कारगिल क्षेत्र में लौटे थे।
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चीन के खिलाफ 1962 में युद्ध में भी कई जवान छुट्टी के बीच में ही सीमा पर लौट आए थे। इसके अलावा 1971, 1965 और 1948 के युद्ध में भी सेना के कई जवान छुट्टी के बीच में ही ड्यूटी पर लौट आए थे। इन युद्धों में हमारे एक-एक जवान ने भारत मां की रक्षा की थी। युद्ध में कई जवान घायल हुए तो कई ने शहादत दी।
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