Indian Army के जवानों को मिलती है बुलेटप्रूफ जैकेट, जानें इसकी खासियत

सेना (Indian Army) के वीर सपूत देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। हमारे जवान दिन हो या रात सीमा पर तैनात रहते हैं। सरहद पर किसी भी वक्त दुश्मन हमला कर सकते हैं।

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फाइल फोटो

Indian Army: ये जैकेट गोलियों से बचने के लिए पहनी जाती है। आमतौर पर जब सैनिकों का आतंकियों, अपराधियों या दुश्मन देशों के सैनिकों से मुकाबला होता है तो वे इसे पहनते हैं।

सेना (Indian Army) के वीर सपूत देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। हमारे जवान दिन हो या रात सीमा पर तैनात रहते हैं। सरहद पर किसी भी वक्त दुश्मन हमला कर सकते हैं। ऐसे में अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करते हुए कई जवान घायल और शहीद होते रहे हैं। देश की रक्षा के साथ-साथ सैनिकों को खुद की भी रक्षा करनी होती है।

ऐसे में बुलेटप्रूफ जैकेट बेहद काम आती है। ये जैकेट गोलियों से बचने के लिए पहनी जाती है। आमतौर पर जब सैनिकों का आतंकियों, अपराधियों या दुश्मन देशों के सैनिकों से मुकाबला होता है तो वे इसे पहनते हैं।

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इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि सुरक्षा की कई परतें होने की वजह से तेज स्पीड से आने वाली गोलियों के असर को खत्म कर देती है। शुरुआत में इसे जानवरों की मोटी चमड़ी से बनाया जाता था। लेकिन जैसे जैसे टेक्नॉलजी बढ़ती गई वैसे-वैसे और ज्यादा सुरक्षित बनाया गया है।

केवलर फाइबर की खोज के बाद इसे बेहद सुरक्षित बना दिया गया। केवलर की कई परतों को आपस में मिलाया जाता है। मौजूदा समय में बैलिस्टिक शीट (चादर) के जरिए भी जैकेट्स को बेहद सुरक्षित बनाया गया है।

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ये जैकेट्स 700 मीटर/सेकेंड की स्पीड वाली गोली को भी रोकने में सक्षम होती हैं। खास बात यह है कि एके-47 के स्टील कोर बुलेट को भी झेलने में सक्षम है। एके-47 दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली खतरनाक रायफल में से एक है। यह जैकेट 3 किलो से लेकर 8 किलो तक भारी हो सकती है।

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