Indian Army: स्वतंत्रता के 14 साल बाद गोवा हुआ था आजाद, जानें कैसा था भारतीय सेना का ‘गोवा मुक्ति अभियान’

गोवा (Goa) पर पुर्तागालियों को कब्जा था। तत्काली प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के बार-बार आग्रह करने के बावजूद पुर्तगालियों द्वारा इसे मुक्त नहीं किया जा रहा था।

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Indian Army: पानी सिर से ऊपर चढ़ता देख नेहरू (Pandit Jawahar Lal Nehru) ने भारतीय सेना को गोवा (Goa) को आजाद कराने की जिम्मेदारी दी। इसके लिए ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया गया। इसके तहत ‘गोवा मुक्ति अभियान’ शुरू कर भारतीय वायुसेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। 1961 में 8 और 9 दिसंबर के दिन सेना ने ताबड़तोड़ बमबारी की थी। पुर्तगालियों के ठिकानों पर बम बससाए गए थे। जैसे ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया, पुर्तगालियों के होश उड़ गए थे।

भारत को 1947 में अग्रेजों से आजादी मिली थी। लेकिन गोवा (Goa) को आजादी के 14 साल बाद आजाद करवाया गया था। गोवा पर पुर्तागालियों को कब्जा था। तत्काली प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के बार-बार आग्रह करने के बावजूद पुर्तगालियों द्वारा इसे मुक्त नहीं किया जा रहा था।

पानी सिर से ऊपर चढ़ता देख नेहरू ने भारतीय सेना (Indian Army) को गोवा को आजाद कराने की जिम्मेदारी दी। इसके लिए ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया गया। इसके तहत ‘गोवा मुक्ति अभियान’ शुरू कर भारतीय वायुसेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।

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उस दौरान गोवा मुक्ति अभियान में हवाई कार्रवाई की जिम्मेदारी एयर वाइस मार्शल एरलिक पिंटो के पास थी। 1961 में 8 और 9 दिसंबर के दिन सेना ने ताबड़तोड़ बमबारी की थी। पुर्तगालियों के ठिकानों पर बम बससाए गए थे। जैसे ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया, पुर्तगालियों के होश उड़ गए थे।

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इसके बाद 19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डी सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए। 4 राजपूत रेजीमेंट, 1 पैरा, 2 पैरा, 2 सिख लाइट इन्फेंट्री बटालियन ने जमीनी, समुद्री और हवाई हमले के बीच गोवा को इस विपरीत परिस्थिति में आजाद करवाया। मालूम हो कि साल 1510 से शुरू हुआ पुर्तगाली शासन गोवा के लोगों को 451 सालों तक झेलना पड़ा था।

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