
Indian Army builds war memorial in Ladakh for soldiers killed in Galwan Valley clash.
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना (Indian Army) ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में अपने शहीद सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक (War Memorial) का निर्माण किया है। ये स्मारक 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों के सम्मान में बनाया गया है। ये स्मारक पूर्वी लद्दाख के पोस्ट 120 में स्थित है और कुछ दिन पहले ही इसका विधिवत उद्घाटन किया गया था।
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गौरतलब है कि दुनिया की सबसे ऊंचे युद्ध बैटल प्वाइंट पर बने इस स्मारक पर भारतीय सेना के स्नो लियोपार्ड अभियान के तहत गलवान के वीरों के जाबांजी के किस्सों का भी जिक्र है, कि किस तरह से भारतीय सैनिकों ने ‘चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ‘ (PLA Troops) को झड़प में भारी नुकसान पहुंचाते हुए पूरे क्षेत्र को सालों बाद मुक्त कराया।
हालांकि चीन ने अभी तक अपने जवानों की संख्या सार्वजनिक नहीं की है कि भारतीय सेना (Indian Army) के साथ झड़प में उसके कितने सैनिक मारे गये या घायल हुए? लेकिन उसने आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों के हताहत होने की बात जरूर स्वीकार की है। वहीं अमेरिकी रिपोर्ट के हिसाब से चीन के 35 जवान हताहत हुये थे।
गलवान घाटी झड़प में पीएलए जवानों (PLA Troops) ने भारतीय सैनिकों पर कील लगे डंडों, सरियों और पत्थरों से हमला किया था, जिसमें कई भारतीय सैनिकों के साथ ही चीनी सैनिक भी हताहत हुये थे। गौरतलब है कि चीन अकसर ऐसा सिर्फ इसलिये करता है क्योंकि भारत-चीन के बीच हुए समझौते के तहत दोनों देश एलएसी पर एक-दूसरे के खिलाफ गोलीबारी व हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। चीन हमेशा इसी समझौते की आड़ में कंटीले डंडों और पत्थरों से भारतीय जवानों पर हमला बोलता आया है।
गलवान झड़प के शहीदों को समर्पित ये स्मारक (War Memorial) श्योक-दौलत बेग ओल्डी रास्ते पर निर्मित है। जहां पर भारतीय सेना के सभी 20 शहीद जवानों के नाम अंकित हैं। साथ ही इस घटना में शहीद हुई भारतीय सेना (Indian Army) की 16वीं बिहार रेजीमेंट के कर्नल बी संतोष बाबू का भी जिक्र है।
The memorial has been built at the unit level near the KM-120 post on the strategic road Durbuk-Shyok-Daulat Beg Oldie, Ladakh. The memorial has the names of 20 soldiers and the details of the June 15 operation. https://t.co/yvbmSlItsy
— ANI (@ANI) October 3, 2020
जिसमें (War Memorial) कर्नल संतोष बाबू के शौर्य और वीरता की कहानी अंकित है कि कैसे अपने रेजीमेंट का नेतृत्व करते हुए उन्होंने सामान्य इलाके से चीनी सैनिकों के समूह को हटाने का प्रतिनिधित्व किया और चीनी सैनिकों को फिंगर प्वाइंट 14 की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया।
इस स्मारक (War Memorial) पर 20 सैनिकों की लिस्ट में तीन नायब सूबेदार, तीन हवलदार और 12 सिपाही शामिल हैं। वहीं भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कर्नल संतोष बाबू और बाकी सैनिकों की वीरता की कहानी को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भी अंकित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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