1971 का युद्ध: पाक सैनिकों के समर्पण के साथ ही सैकड़ों बंदूकें भी हुईं थीं जब्त, जानें फिर क्या हुआ इनका

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दिया था।

सांकेतिक तस्वीर

War of 1971: इस लड़ाई के बाद पाक सेना की बंदूकें जब्त कर ली गई थीं। सैकड़ों की संख्या में ये बंदूकें अभी भी सेना (Indian Army) के संरक्षण में हैं। दरअसल, युद्ध में दुश्मनों के हथियार जब्त कर लिए जाते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दिया था। हमारे वीर जवानों ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को पटखनी दी थी। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ रही मुक्तिवाहिनी के साथ हमारे जवानों ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया था।

युद्ध के अंत में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था और इसके साथ ही उनके सैकड़ों हथियारों को भी जब्त कर लिया गया था। इतनी भारी संख्यां में हथियारों के जब्त होने के बाद बड़ी संख्या में बंदूकें आर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर भेजी गई थीं।

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बाद में इन हथियारों, विशेषकर बंदूकों को यहां नष्ट किया गया। वहीं सैकड़ों की संख्या में ये बंदूकें अभी भी सेना (Indian Army) के संरक्षण में हैं। दरअसल, युद्ध में दुश्मनों के हथियार जब्त कर लिए जाते हैं। जैसे ही सेना सरेंडर करती है उसके साथ ही हथियार भी जब्त कर लिए जाते हैं। पाकिस्तानी सेना के हथियार भी सरेंडर करने के साथ ही जब्त कर लिए गए थे। बिना किसी देरी के इन हथियारों को ठिकाने लगा दिया गया था।

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बता दें कि भारत ने पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों और नागरिकों को गिरफ्तार किया था। युद्ध के 8 महीने बाद शिमला समझौते के तहत इन पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया गया। हालांकि, पाकिस्तान की कैद में आज भी हमारे कुछ जवान हैं, लेकिन वह इससे इनकार करता रहा है। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान को हराया था।

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