India Pakistan War 1971: इस तरह जीत की ओर बढ़ता गया भारत, पाकिस्तान को पटखनी देने के बाद लगे थे नारे

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त प्रहार कर दुश्मनों को नेस्तनाबूद किया था। पाकिस्तानी सेना हर मोर्चे पर विफल साबित हुई थी।

सांकेतिक तस्वीर

India Pakistan War 1971: पूर्वी पाकिस्तान के मुक्तिवाहिनी के सैनिकों ने भारतीय सेना (Indian Army) की मदद से अपनी आजादी को पाया था। भारतीय सेना शुरू से लेकर अंत तक प्लानिंग के साथ लड़ी थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त प्रहार कर दुश्मनों को नेस्तनाबूद किया था। पाकिस्तानी सेना हर मोर्चे पर विफल साबित हुई थी। भारतीय सेना साल 1971 के गर्मी के महीनों में ही इस युद्ध को लड़ना चाहती थी, लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसे दिसंबर में लड़ा गया।

युद्ध पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की आजादी के लिए लड़ा गया था। इसमें पूर्वी पाकिस्तान के मुक्तिवाहिनी के सैनिकों ने भारतीय सेना (Indian Army) की मदद से अपनी आजादी को पाया था। भारतीय सेना शुरू से लेकर अंत तक प्लानिंग के साथ लड़ी थी।

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मुक्तिवाहिनी के सैनिकों को भी हमारी ही सेना ने ट्रेनिंग दी थी। ट्रेनिंग मिलने के बाद मुक्तिवाहिनी का एक-एक सैनिक पाकिस्तान के 10-10 सैनिकों पर भारी पड़ा था। सेना की जीत के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) भी अहम साबित हुई। पाकिस्तान के कई ठिकानों पर हमला किया गया था। वायु सेना चाहती तो लाहौर तक हमला बोल सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।य

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वायु सेना ने पाकिस्तान के उन ठिकानों पर भी हमला किया था जहां पर हथियार रखे गए थे। हमारे इंडियन आर्मी के जवानों ने पाकिस्तान के सैनिकों को गोलियों से छलनी किया था। पाकिस्तान को जब यह समझ आने लगा कि वह भारत के सामने नहीं टिक सकता तो 93 हजार सैनिकों के साथ सरेंडर कर दुनिया के सामने हार स्वीकार कर ली। इस जीत के बाद हमारे वीर सपूतों ने भारत मां की जय के नारे लगाए थे।

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