1971 का युद्ध: भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक स्टैंड-अलोन युद्ध स्मारक बनाएगा बांग्लादेश, जानें कैसे आजाद हुआ था हमारा पड़ोसी देश

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की लड़ाई के बाद बांग्लादेश को आजादी मिली थी। बांग्लादेश, पाकिस्तान के अत्याचारों से आजाद हुआ और इसमें भारतीय सेना (Indian Army) की भूमिका को वह आज तक मानता है।

Indian Army

फाइल फोटो।

इस स्मारक का निर्माण बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के साथ पूरा होगा। साल 1971 की लड़ाई के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय सेना (Indian Army) की भूमिका की सराहना हमेशा की गई है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की लड़ाई के बाद बांग्लादेश को आजादी मिली थी। बांग्लादेश, पाकिस्तान के अत्याचारों से आजाद हुआ और इसमें भारतीय सेना (Indian Army) की भूमिका को वह आज तक मानता है। इसी कड़ी में अब वह युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक स्टैंड-अलोन युद्ध स्मारक बनाएगा।

स्मारक का निर्माण बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के साथ पूरा होगा। साल 1971 की लड़ाई के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय सेना (Indian Army) की भूमिका की सराहना हमेशा की गई है।

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दोनों देश मित्रता और विजय के 50 सालों की समृति में एक वेबसाइट भी जारी करेंगे, जहां 1971 की जीत से जुड़े दस्तावेज सभी लोगों के लिए उपलब्ध होंगे। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय वार्ता में यह फैसला हुआ है। बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष में भारत की अहम भूमिका रही है।

वहीं, युद्ध में शामिल हुए सैनिकों और शहीदों की याद में राजस्थान के जैसलमेर में वॉर मेमोरियल पहले ही बनाया जा चुका है। इसका नाम ‘लोंगेवाला वॉर मेमोरियल’ है। बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भारतीय सेना (Indian Army) ने सीधे पाकिस्तानी सैनिकों से टक्कर ली थी।

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इसके बाद Indian Army ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजाद कराया था। सेना ने मुंह तोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया था।

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पाकिस्तान ने उस समय ईस्ट पाकिस्तान (बांग्लादेश) के लोगों को इतना सताया था कि विद्रोह और आजादी की मांग की जाने लगी थी। आजादी की इस लड़ाई में भारतीय सेना (Indian Army) ने सीधा दखल दिया था और पाकिस्तानी सेना को घुटनों पर ला दिया था।

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