1971 का युद्ध: …जब सैनिक हवाई अड्डों पर पाकिस्तान ने शुरू किए बम गिराने

भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा पूर्व में तेजी से कब्जा किया था। सेना ने जेसोर, खुलना और तंगेल पर कब्जा किया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना को समझ आ गया था कि जीत उसके हाथ से निकल चुकी है।

1971 war

फाइल फोटो।

India Pakistan War 1971: भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा पूर्व में तेजी से कब्जा किया था। सेना ने जेसोर, खुलना और तंगेल पर कब्जा किया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना को समझ आ गया था कि जीत उसके हाथ से निकल चुकी है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध लड़ा गया था। यह युद्ध बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ा गया था। बांग्लादेश 1971 से पहले पाकिस्तान का ही एक प्रांत था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को हमारे जवानों ने बुरी तरह से हराया था।

युद्ध (India Pakistan War 1971) की शुरुआत में पाकिस्तान वायुसेना ने 3 दिसंबर 1971 को अचानक भारतीय सीमा पर पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर और आगरा के सैनिक हवाई अड्डों पर बम गिराने शुरू कर दिए थे।

जिस वक्त हमले शुरू हुए थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कलकत्ता में जनसभा कर रहीं इंदिरा गांधी ने उसी समय दिल्ली लौटने का फैसला किया। मंत्रिमंडल की आपात बैठक में इंदिरा ने देश को संबोधित किया।

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इसके बाद तय प्लान के मुताबिक सेनाओं के निर्देश दिए गए और जवाबी हमले किए गए। युद्ध में भारतीय सेना शुरू से ही हावी रही और सही समय पर सही निर्णय लेते हुए अपनी जीत की ओर अग्रसर रही। इस क्रम में भारतीय सेना द्वारा पूर्व में तेजी से कब्जा किया था। सेना ने जेसोर, खुलना और तंगेल पर कब्जा किया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना को समझ आ गया था कि जीत उसके हाथ से निकल चुकी है।

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इसके तुरंत बाद थलसेना अध्यक्ष जनरल मानके शॉ ने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल नियाजी को अपना संदेश भेजकर सरेंडर करने को कहा। पाकिस्तान को मजबूरन 93 हजार सैनिकों के साथ सरेंडर करना पड़ा।

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