India Pakistan War 1971: पाकिस्तान की कैद में है हमारा ये वीर सपूत, परिवार कर रहा लौटने का इंतजार

India Pakistan War 1971: सुरजीत सिंह का परिवार आज भी अपने वीर सपूत के जिंदा होने की उम्मीद लगाए बैठा है। पंजाब के गांव टहना फरीदकोट के रहने वाले हैं।

1971 war

फाइल फोटो।

India Pakistan War 1971: सुरजीत सिंह का परिवार आज भी अपने वीर सपूत के जिंदा होने की उम्मीद लगाए बैठा है। वे पंजाब के फरीदकोट के गांव टहना के रहने वाले हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध (India Pakistan War 1971) के दौरान सांबा सेक्टर में तैनाती के दौरान बीएसएफ (BSF) के जवान सुरजीत सिंह को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था। तब से लेकर अबतक उन्हें रिहा नहीं किया गया है। बीते 50 साल से उनका परिवार अपने वीर सपूत की वापसी का इंतजार कर रहा है।

पाकिस्तान को इस युद्ध में बुरी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह अबतक बाज नहीं आया है। सुरजीत की ही तरह हमारे करीब 54 जवानों को उसने 1971 के युद्ध के दौरान युद्धबंदी बनाकर रखा हुआ है। ऐसे कई सबूत वक्त के साथ सामने आए हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं।

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सुरजीत सिंह का परिवार आज भी अपने वीर सपूत के जिंदा होने की उम्मीद लगाए बैठा है। पंजाब के फरीदकोट के गांव टहना के रहने वाले हैं। दरअसल, पाकिस्तानी सेना ने उन्हें तब पकड़ा था जब वे भारत और पाकिस्तान जंग के दौरान सांबा सेक्ट में ड्यूटी पर तैनात थे।

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परिवार को उनके जिंदा होने की खबर करीब 13 साल बाद यानी 1984 में मिली। तब 4 जुलाई, 1984 को सतीश कुमार मरवाहा निवासी बस्ती टंका वाली फिरोजपुर पाकिस्तान के जेल से रिहा होकर भारत आए थे। तब उन्होंने इसकी जानकारी दी थी कि सुरजीत करीब 13 साल तक उन्हीं के साथ जेल में बंद रहे हैं। इसके बाद परिवार ने सुरजीत सिंह की तस्वीर भी दिखाई और उनकी पहचान की पुष्टि हो गई है।

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