War of 1971: 16 ग्रेनेडियर्स यूनिट में रहे सैनिक हरवीर सिंह का ऐसा था अनुभव, थेपुरा में फहराया था तिरंगा

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। युद्ध में एक वक्त ऐसा आया जब पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर कर हार स्वीकार की थी।

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फाइल फोटो।

War of 1971: युद्ध में 16 ग्रेनेडियर्स यूनिट में रहे सैनिक हरवीर सिंह (Harvir Singh) ने भी हिस्सा लिया था। वे बताते हैं कि इस युद्ध में भारी गोलीबारी के बीच साहस दिखाकर उन्होंने और उनके साथी जवानों ने थेपुरा में तिरंगा फहराया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। युद्ध में एक वक्त ऐसा आया जब पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर कर हार स्वीकार की थी।

इस युद्ध में 16 ग्रेनेडियर्स यूनिट में रहे सैनिक हरवीर सिंह (Harvir Singh) ने भी हिस्सा लिया था। वे बताते हैं कि इस युद्ध में भारी गोलीबारी के बीच साहस दिखाकर उन्होंने और उनके साथी जवानों ने थेपुरा में तिरंगा फहराया था। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित गांव टिकरौल निवासी हरवीर सिंह ने युद्ध से जुड़े अपने अनुभव को साझा किया है।

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वे बताते हैं, “मैं अक्टूबर, 1970 में सेना में भर्ती हुआ था और इसके बाद ही जंग छिड़ गई। मेरी पहले तो राजाताल गांव में तैनाती हुई, फिर थेपुरा में हुई थी। मेरी तैनाती बाघा बॉर्डर पर हुई। इसी दौरान मैंने और मेरे साथी जवानों ने 1971 में पांच और छह दिसंबर को जीवन सिंह किला पर छापा मारा था।”

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हरवीर सिंह (Harvir Singh) ने आगे बताया, “इस छापेमारी के लिए 25 जवानों को चुना गया था। इस दौरान दो जवान शहीद भी हो गए थे। जब वे शहीद हुए तो उनकी बंदूकें दुश्मनों के इलाके में ही रह गई थी। इसके बाद रात में सीमा पर सरकंडों में आग लगाई गई और दूसरे अटैक की तैयारी हुई, जो गोरखा और डोगरा बटालियन ने किया। हमने गोलीबारी के बीच दुश्मनों के खिलाफ हल्ला बोला और थेपुरा में तिरंगा फहराया था।”

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