दादा ने 3 लड़ाइयां तो पिता ने कारगिल युद्ध लड़ा, अब बेटा देश की रक्षा में जुटा

कई सैनिक परिवार हैं जिनमें दादा से लेकर बेटे और बेटी तक सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसा एक परिवार हरियाणा के झज्जर स्थित गांव पातुवास में भी है।

Special Frontier Force

सांकेतिक तस्वीर।

Indian Army: हमारे देश में कई सैनिक परिवार हैं जिनमें दादा से लेकर बेटे-बेटी तक सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसा एक परिवार हरियाणा के झज्जर स्थित गांव पातुवास में भी है।

भारतीय सेना में भर्ती होना और देश की रक्षा करने का एक अलग ही अहसास होता है। भारतीय वीर सपूत इस अनुभव को सबसे बेहतर मानते हैं। हमारे देश में कई सैनिक परिवार हैं जिनमें दादा से लेकर बेटे-बेटी तक सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

ऐसा एक परिवार हरियाणा के झज्जर स्थित गांव पातुवास में भी रहता है। इस परिवार की खासियत यह है कि दादा ने तीन लड़ाइयां लड़ीं तो पिता ने 1999 में कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था। वहीं अब बेटा सचिन ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे गांव का नाम देश सेवा के मामले में ऊंचा कर रहा है।

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दादा ने भी अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया था तो पिता ने भी यही किया और अब बेटा भारत मां की रक्षा के लिए तत्पर है। दादा ने 1962,1965 और 1971 में दुश्मनों का सामना किया था।

पिता जयवीर सिंह और माता मुकेश कुमारी के घर पैदा हुए सचिन ने आर्मी में लेफ्टिनेंट पद पर भर्ती हासिल की है। अफसर पद पर काबिज होकर सचिन ने गांव का नाम फिर से रोशन कर दिया है जिस तरह पिता और दादा ने किया था।

इस परिवार की तरह ही हमारे देश में कई ऐसे परिवार हैं जो कि अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा कर रहे हैं। कुछ परिवार तो ऐसे हैं जिनमें बेटे और बेटी से लेकर बहू भी सेना में शामिल हैं।

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