जंग से पहले ही हो जाती है हथियारों की तैनाती, विपरीत परिस्थिति में होता है इस्तेमाल

भारतीय सेना ने आजादी के बाद से अबतक पांच युद्ध लड़े हैं। चार युद्ध पाकिस्तान तो एक युद्ध चीन से लड़ा गया है। सिर्फ 1962 में चीन के खिलाफ हमें हार मिली है। भारतीय सेना (Indian Army)  जवान हर मोर्चे पर दुश्मनों को नेस्तनाबुद करने के लिए जाने जाते हैं।

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फाइल फोटो।

Indian Army: आधुनिक हथियारों के जखीरे के साथ टैंक्स और सेना का जमावड़ा कर लिया जाता है। तीनों ही सेनाओं को अलर्ट पर रखा जाता है। इसके साथ ही सैनिकों की संख्या भी बढ़ा दी जाती है। 

भारतीय सेना ने आजादी के बाद से अबतक पांच युद्ध लड़े हैं। चार युद्ध पाकिस्तान तो एक युद्ध चीन से लड़ा गया है। सिर्फ 1962 में चीन के खिलाफ हमें हार मिली है। भारतीय सेना (Indian Army)  जवान हर मोर्चे पर दुश्मनों को नेस्तनाबुद करने के लिए जाने जाते हैं।

युद्ध से पहले ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं जिसमें एहतियातन सेना को हथियारों की तैनाती करनी पड़ती है। ऐसा कर सेना विपरीत परिस्थिति यानी युद्ध छिड़ जाने पर तुरंत एक्शन ले सकती है।

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आधुनिक हथियारों के जखीरे के साथ टैंक्स और सेना का जमावड़ा कर लिया जाता है। तीनों ही सेनाओं को अलर्ट पर रखा जाता है। इसके साथ ही सैनिकों की संख्या भी बढ़ा जाती है। जवानों की छुट्टियां कैंसल कर दी जाती हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा जवान देश की रक्षा में लग जाएं।

तनाव की स्थिति में दोनों देशों की सेनाएं पहले कई दौर की बातचीत करती हैं। लेकिन अगर हमला अचानक हो तो संभलना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, सरहद पर ऐसे कई हथियार हैं जो हमेशा सेना के लिए मौजूद रहते हैं।

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जंग का आभास होने पर सेना के फाइटर जेट को एयरबेस पर तैनात कर दिया जाता है। इसके अलावा, टैंकों के साथ-साथ आधुनिक रायफल जवानों तक सप्लाई कर दी जाती है। दूसरी तरफ दुश्मन देश भी ऐसा ही करते हैं ताकि पलटवार किया जा सके।

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