सैन्य सम्मान के साथ राजस्थान के शहीद को दी गई अंतिम विदाई

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में घायल हुए राजस्थान के अलवर के जवान अजीत सिंह 18 फरवरी को शहीद हो गए। 19 फरवरी को पैतृक गांव गंडाला में शहीद अजीत सिंह (Martyr Ajit Singh) का अंतिम संस्कार किया गया।

Martyr Ajit Singh

19 फरवरी को पैतृक गांव गंडाला में शहीद अजीत सिंह (Martyr Ajit Singh) का अंतिम संस्कार किया गया।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में घायल हुए राजस्थान के अलवर के जवान अजीत सिंह 18 फरवरी को शहीद हो गए। 19 फरवरी को पैतृक गांव गंडाला में शहीद अजीत सिंह (Martyr Ajit Singh) का अंतिम संस्कार किया गया। 10 फरवरी को नक्सलियों और सीआरपीएफ (CRPF) कोबरा 204 बटालियन के जवानों के बीच मुठभेड़ हो गई थी।

Martyr Ajit Singh
पैतृक गांव गंडाला में शहीद अजीत सिंह (Martyr Ajit Singh) का अंतिम संस्कार किया गया।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में घायल हुए राजस्थान के अलवर के जवान अजीत सिंह 18 फरवरी को शहीद हो गए। 19 फरवरी को पैतृक गांव गंडाला में शहीद अजीत सिंह (Martyr Ajit Singh) का अंतिम संस्कार किया गया। 10 फरवरी को नक्सलियों और सीआरपीएफ (CRPF) कोबरा 204 बटालियन के जवानों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। इस दौरान सीने में गोली लगने के कारण अजीत घायल हो गए थे। रायपुर के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।

बेटों ने दी मुखाग्नि

शहीद अजीत (Martyr Ajit Singh) के अंतिम संस्कार के दौरान उनके दोनों बेटों ने उन्हें मुखाग्नि दी। 20 वर्षीय आशीष यादव और 16 वर्षीय अभिषेक ने नम आंखों से पिता को विदाई दी। इस दौरान अजीत के बड़े भाई जोगिंदर सिंह और संदीप यादव ने बच्चों का सहयोग किया। 19 फरवरी की सुबह जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, पूरा गांव गमगीन हो उठा। पूरे सैन्य सम्मान के साथ अजीत (Martyr Ajit Singh) को अंतिम विदाई दी गई। युवाओं द्वारा उनके पार्थिव देह के आगे बाइक रैली निकाली गई। पार्थिव शरीर पर रास्ते पर ग्रामीणों ने फूल बरसाए। उनके वाहन के पीछे सैकड़ों की तादाद में युवा ग्रामीण सहित अनेक लोग चल रहे थे।

10 फरवरी को हुई थी मुठभेड़

बता दें कि 10 फरवरी को नक्सलियों और सीआरपीएफ कोबरा 204 बटालियन के जवानों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। बता दें कि बस्तर डिविजन के बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित इरापल्ली गांव में बीते 10 फरवरी की सुबह करीब साढ़े 10 बजे उस समय मुठभेड़ शुरू हुई, जब CRPF के जवान नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे थे। इस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था और मौके से एक हथियार बरामद हुआ था।

दो जवान हुए थे शहीद

इस मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ (CRPF) की स्पेशल यूनिट कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (COBRA की 204 बटालियन) के दो जवान शहीद हो गए थे। शहीद जवानों में एक जवान का नाम विकास कुमार है जो यूपी के बांदा जिले के रहने वाले थे। दूसरे जवान का नाम पूर्णानंद साहू है। पूर्णानंद छत्तीसगढ़ के राजनादगांव के रहने वाले थे।

6 जवान हो गए थे जख्मी

इस मुठभेड़ में 6 जवान घायल हो गए थे। सीआरपीएफ (CRPF) के इन 6 घायल जवानों में अलवर के रहने वाले अजीत सिंह भी शामिल थे, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि अन्य घायल जवानों डिप्टी कमांडर प्रशांत, पी पवन कुमार और गरीबर उरांव, बिभा बासु मेहता और जवान पवार पांडुरंग का रायपुर के ही अस्पताल में इलाज जारी है। शहीद हवलदार अजीत सिंह (Martyr Ajit Singh) 1994 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शहीद अजीत सिंह के दो बेटे है।

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