इतिहास में पहली बार CRPF ने पेश की ऐसी मिसाल, जिस नक्सली कमांडर ने कई जवानों की हत्या की, उसकी बीमार मां का करवा रहे हैं इलाज

नक्सली बुधरा (Naxalite) के गांव में उसकी मांं के अलावा उसकी पत्नी, भाई और परिवार के अन्य सदस्य भी रहते हैं। परिवार वालों के अनुसार उनका बेटा बुधरा कब नक्सली बन गया इस बात की उनको भनक भी नहीं लगी। आज से करीब 10 साल पहले वह अचानक ही घर छोड़कर चला गया और कई दिनों बाद परिवारवालों को उसके नक्सली बनने की सूचना लगी।

Naxalite

SP Abhishek Pallav distributing food to Naxalite Budhra's Family

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के कुआकोंडा क्षेत्र में सीआरपीएफ (CRPF) ने मानवता के इतिहास में ऐसा काम किया जो आज से पहले कभी नहीं हुआ था। सीआरपीएफ के एसपी अभिषेक पल्लव ने इलाके के खूंखार नक्सली (Naxalite) और 5 लाख के इनामी कमांडर बुधरा के बीमार मां के इलाज का बेड़ा उठाया है। इस नेक काम के लिए एसपी ने अपने जवानों के साथ एक डॉक्टर को नक्सली के मां के स्वास्थ्य चेकअप के लिए उसके गांव पखनाचुआ भेजा। क्योंकि एसपी अभिषेक पल्लव खुद एक डॉक्टर भी हैं और उन्होंने ये सीखा है कि बीमार इंसान की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है।

दरअसल नक्सली (Naxalite) बुधरा की मां के पैरों में एक अजीब सी बीमारी है जिसके कारण उसका एक पैर पूरी तरह से काला पड़ गया है और लकड़ी की तरह सूख गया है। इस कारण से बुधरा की मां का चलना-फिरना दुभर हो गया है, लेकिन अब ये बीमारी उसकी मां के दूसरे पैर में भी होनी शुरू हो गई है। परिवार की आर्थिक तंगी के कारण नक्सली बुधरा की बेचारी लाचार मां अपना इलाज भी नहीं करा पाई और करीब 8 सालों से इस दर्द को अकेले सहन कर रही है। 

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खूंखार नक्सली (Naxalite) बुधरा की मां की ये पीड़ा वेदना की खबर जेसै ही सीआरपीएफ (CRPF) के 195 बटालियन को मिली तो वैसे ही एसपी पल्लव ने अपने जवानों के लिए सिरदर्द बने बुधरा से दुश्मनी को ताक पर रखकर उसके बेबस मां के इलाज की ठान ली। एसपी पल्लव ने अपने असिस्टेंड कमांडेड संजय चौहान के साथ सीआरपीएफ (CRPF) की एक टीम को डॉक्टर और एंबुलेंस के साथ नक्सली के घर भेजा और घर पर ही उसकी बुढ़ी मां का इलाज करवाया। इस दौरान सीआरपीएफ जवानों ने नक्सली के परिवार को कुछ दैनिक उपयोग में इस्तेमाल होने वाली जरूरी सामान भी भेंट किया।

नक्सली बुधरा (Naxalite) के गांव में उसकी मांं के अलावा उसकी पत्नी, भाई और परिवार के अन्य सदस्य भी रहते हैं। परिवार वालों के अनुसार उनका बेटा बुधरा कब नक्सली बन गया इस बात की उनको भनक भी नहीं लगी। आज से करीब 10 साल पहले वह अचानक ही घर छोड़कर चला गया और कई दिनों बाद परिवारवालों को उसके नक्सली बनने की सूचना लगी। बुधरा अपने माता-पिता के तीन बेटों में सबसे बड़ा बेटा है। उसके दो भाई गांव में ही रहकर मजदूरी करते हैं और अपने परिवार का पेट पालते हैं। बुधरा पिछले 10 सालों में एक बार भी अपने परिवार का हाल-चाल जानने नहीं आया। उसके पिता और भाईयों के अनुसार बुधरा नक्सली संगठन में शामिल होकर अपने परिवार को कहीं का नहीं छोड़ा। भले ही वो नक्सलियों का बड़ा नेता हो और उसके सर पर लाखों का इनाम हो लेकिन उसने कभी भी अपने बीमार मां और परिवार की फिक्र नहीं की है। ऐसे में परिवार के सदस्यों ने भी उससे अपना नाता तोड़ लिया है। 

गौरतलब है कि 28 वर्षीय खूंखार नक्सली बुधरा (Naxalite) दरभा डिवीजन का एलजीएस कमांडर है। उसके उपर 7 जवानों की हत्या के अलावा विधायक भीमा मंडावी और एक दूरदर्शन के कैमरामैन की हत्या का आरोप है। वो कई बड़े नक्सली हमले में शामिल रहा है। प्रशासन ने इस खतरनाक नक्सली के उपर 5 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा है। 

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