Sukma Naxal Attack: गांव के युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करते थे नारद निषाद…

सुकमा नक्सली हमले (Sukma Naxal Attack) में बालोद जिले के एसटीएफ (STF) जवान नारद निषाद शहीद हो गए थे। जवान की शहादत की खबर लेकर 22 मार्च शाम जब एसडीओपी अमर सिदार गांव पहुंचे तो पूरे गांव में मातम पसर गया।

Sukma Naxal Attack

सुकमा नक्सली हमले (Sukma Naxal Attack) में बालोद जिले के एसटीएफ (STF) जवान नारद निषाद शहीद हो गए थे। जवान की शहादत की खबर लेकर 22 मार्च शाम जब एसडीओपी अमर सिदार गांव पहुंचे तो पूरे गांव में मातम पसर गया। शहीद का अंतिम संस्कार 23 मार्च को दोपहर उनके पैतृक गांव सिवनी में किया गया। पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ आनर देकर शहीद जवान को अंतिम विदाई दी गई। पत्नी ने भी कलेजे पर पत्थर रख शहीद को सलामी दी। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे।

Sukma Naxali Attack
शहीद नारद निषाद। (फाइल फोटो)

बचपन से ही फोर्स में जाना चाहते थे नारद: शहीद जवान नारद के परिजनों ने बताया कि 18 साल पहले नारद ने फोर्स ज्वॉइन किया था। उनकी पहली पोस्टिंग एसटीएफ (STF) बघेरा दुर्ग में हुई। जिसके बाद लगातार माओवाद प्रभावित दंतेवाड़ा, सुकमा क्षेत्र में वे सेवा दे रहे थे। नारद बचपन से ही फोर्स में जाना चाहते थे। देशभक्ति उनके अंदर कूट-कूटकर भरी थी।

बेटी से किया था अप्रैल में घर आने का वादा: शहीद एसटीएफ जवान नारद की 9 साल की बेटी और 15 साल का बेटा है। नारद आखिरी बार फरवरी में घर आए थे। परिजनों ने बताया कि नारद ने बेटी से अप्रैल में घर आने का वादा किया था। पिता के घर लौटने के पहले ही उसकी शहादत की खबर आ गई। शहीद पूरा परिवार सदमे में है। नारद की 70 साल की बूढ़ी मां रमा बाई का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद की पत्नी और दोनों बच्चों को संभालने में पूरा परिवार जुटा रहा।

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युवाओं को करते थे सेना में जाने के लिए प्रेरित: गांव वालों के मुताबिक, नारद जब भी छुट्टी पर घर लौटता था तो गांव के युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करता था। देशसेवा और सेना से जुडऩे के अवसरों के बारे में युवाओं को जानकारी देता था। नारद की शहादत से पूरा गांव गम में डूब गया है। गांव वालों का कहना है कि हमें गर्व है कि हमारे गांव का लाड़ला बेटा मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है। हम सरकार से मांग करते हैं कि नक्सलियों के खिलाफ अब ठोस कदम उठाते हुए निर्णायक लड़ाई लड़े।

22 मार्च को बरामद किया गया था जवानों का शव: बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में 21 मार्च की देर रात करीब 2.20 बजे सुरक्षा बल के जवानों ने एक एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान घात लगाए नक्सलियों (Naxalites) ने जवानों पर हमला (Naxali Attack) कर दिया। जिसके बाद बड़ी मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में 14 जवान जख्मी हो गए थे और 17 जवान लापता बताए जा रहे थे। इन लापता जवानों का शव 22 मार्च को बरामद किया गया। वहीं घायल जवानों में दो ही हालत नाजुक है।

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p style=”text-align: justify;”>सीएम भूपेश बघेल ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि: इस हमले (Sukma Naxal Attack) में शहीद 17 जवानों को सीएम भूपेश बघेल ने सुकमा पुलिस लाइन पहुंचकर 23 मार्च को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम काफी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। सीएम ने शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिवार वालों से कहा कि सरकार दु:ख की इस घड़ी में उनके साथ है।

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