Tololing
Tololing: मेजर अधिकारी के इस वीरता और बलिदान के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। वहीं, मेजर गुप्ता को भी मरणोपरांत महावीर चक्र से अलंकृत किया गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध में सेना ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को मुंह की खानी पड़ी थी। उत्तराखंड के दो जवानों ने तो ऐसा पराक्रम दिखाया था जिसे यादकर देशवासियों का सीना आज भी गर्व से चौड़ा हो जाता है।
2 राजपूताना राइफल्स के मेजर विवेक गुप्ता और 18 ग्रिनेडियर के मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने इस युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने तोलोलिंग (Tololing) पर अपनी टीम के साथ बेहद ही चालाकी के साथ दुश्मनों का सामना किया था। हालांकि, दोनों जंग के मैदान में ही शहीद हो गए थे। लेकिन इसके पहले उन्होंने दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया था।
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विवेक गुप्ता के नेतृत्व में 12 जून की रात तोलोलिंग (Tololing) चोटी फतह करने के लिए कंपनी रवाना हुई थी। ऊंचाई पर बैठे दुश्मन ने हमला किया, जिसमें मेजर गुप्ता को दो गोलिया लगीं। वह मौके पर ही शहीद हो गए थे, लेकिन इससे पहले उन्होंने तीन पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर बंकर पर कब्जा कर लिया था।
वहीं, 18 ग्रिनेडियर के मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने तोलोलिंग (Tololing) पर 30 मई को अपनी कंपनी के साथ चढ़ाई शुरू की थी। बर्फबारी के बीच दुश्मनों ने उनपर मशीन गन से हमला किया था। वह इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, लेकिन जख्मी हालत में भी उन्होंने अपनी टीम के साथ दो बंकर को धवस्त कर दिया था।
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उनकी टीम 15 हजार फुट की ऊंचाई पर प्वाइंट 4590 पर कब्जा करने में कामयाब हुई थी। मेजर अधिकारी के इस वीरता और बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। वहीं, मेजर गुप्ता को भी मरणोपरांत महावीर चक्र से अलंकृत किया गया।
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